जर्मनी अपने ही देश के पर्यटकों में भी बहुत लोकप्रिय है, लेकिन पिछले साल यहां आने वाले विदेशी पर्यटकों की तादाद भी बढ़ी है.
दुनिया भर में पर्यटन उद्योग उफान पर है. 2014 में भी उसके जारी रहने की उम्मीद है. श्टुटगार्ट में शुरू हुआ पर्यटन मेला उद्योग का संकेत देता है.
जर्मन पर्यटन उद्योग को 2013 में खास कर विदेशी पर्यटकों से भारी फायदा हुआ है. छुट्टी और सैर पर शोध करने वाले संगठन एफयूआर के मार्टिन लोमन ने कहा है कि 2013 में जर्मनी में रिकॉर्ड 41 करोड़ लोगों ने रात होटलों में बिताई. इनमें विदेशी पर्यटकों की तादाद जर्मन पर्यटकों की तुलना में तेजी से बढ़ी है. लोमन कहते हैं, “जर्मनी को पर्यटन में विश्वव्यापी तेजी का लाभ मिला है.”
ताजा आंकड़ों के अनुसार विश्व भर में विदेशी यात्राओं की संख्या में पांच फीसदी की बढ़त हुई और कुल मिलाकर 1.1 अरब बार होटलों के कमरों की बुकिंग हुई. इसमें घरेलू पर्यटन के आंकड़े शामिल नहीं हैं. खास कर यूरोप के पर्यटन केंद्रों में दुनिया भर में दिलचस्पी बढ़ी है.
द्रेसदेन का पिलनित्स महल
यात्रा और सैर सपाटे पर खर्च किए जाने वाले धन के मामले में चीन फिर से पहले नंबर पर है. लोमन के अनुसार, “सिर्फ इसलिए कि वे बहुत सारे हैं.” चीनियों ने यात्रा पर प्रति व्यक्ति औसत 75 डॉलर खर्च किए जबकि जर्मनों ने अपनी छुट्टियों के लिए औसत 1023 डॉलर खर्च किए. पर्यटन पर खर्च करने के मामले में जर्मन काफी उदार हैं.
लोमन का कहना है कि इस साल भी उद्योग को दुनिया भर में सैर सपाटे के लिए दिलचस्पी का फायदा मिलेगा. उम्मीद की जा रही है कि दूसरे देशों में जाने वाले लोगों की तादाद में तीन फीसदी बढ़ोतरी होगी. जर्मन ट्रैवल एजेंसियों को भी उम्मीद है कि उनका कारोबार और राजस्व बढ़ेगा.
छुट्टियों और यात्रा पर शोध करने वाले संगठन एफयूआर के अनुसार एक ऑनलाइन सर्वे के अनुसार 25 फीसदी जर्मन पिछले साल के मुकाबले इस साल ज्यादा यात्राएं करना चाहते हैं. इसके विपरीत 17 फीसदी ऐसे भी हैं जो 2013 के मुकाबले यात्रा पर कम खर्च करना चाहते हैं और पिछले साल के मुकाबले कम यात्रा करना चाहते हैं. कम से कम एक तिहाई लोग पहले के मुकाबले ज्यादा खर्च करने का मन बना चुके हैं.
सर्दियों में द्रेसदेन शहर
जर्मन को पर्यटन सैर सपाटे का चैंपियन माना जाता है. मेहमानों के रूप में दुनिया भर में उनकी पूछ है, लेकिन अभी भी उनका सबसे प्यारा लक्ष्य स्वयं अपना देश है. सबसे ज्यादा जर्मन अपने देश में ही छुट्टी बिताते हैं. उसके बाद उनकी दूसरी पसंद मध्य सागर का इलाका है. सर्वे में शामिल होने वाले जर्मनों का 45 प्रतिशत इस साल किसी और जगह छुट्टियां बिताना चाहता है. लोमन स्कैंडिनेवियाई देशों में इसकी संभावना देखते हैं.
जर्मन ट्रैवल एजेंसियों के संघ के प्रमुख युर्गेन बुची लोगों में ज्यादा खर्च करने की रुझान और इसके साथ क्वालिटी पर जोर देखते हैं. उनका कहना है, “कीमत ट्रिप खरीदने की एकमात्र कसौटी नहीं है.” कारवां, मोटर और टूरिस्टिक मेले में इस साल 90 देशों के 2000 प्रदर्शक भाग ले रहे हैं. आयोजकों को 200,000 दर्शकों के आने की उम्मीद है.