रपट में कहा गया है कि ब्रिटेन सभी शांतिपूर्ण विकल्पों को देखे बिना ही इस युद्ध में शामिल हो गया था।
ब्रिटेन की इस जांच के अध्यक्ष जॉन चिलकॉट ने यह जानकारी दी है।
जॉन ने अपने बयान में कहा कि इराक युद्ध पर सैन्य कार्रवाई अंतिम विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा, “18 मार्च के संसदीय मतदान के समय कूटनीतिक विकल्पों को नहीं दर्शाया गया। यह विचार सेना की कार्रवाई तक नहीं पहुंचा।”
इस जांच में यह भी सामने आया है कि इराक में युद्ध की शुरुआत से कुछ माह पहले ब्रिटेन के पूर्व राष्ट्रपति टोनी ब्लेयर ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश से कहा था कि इराक से संबंधित हर मामले में वह उनके साथ हैं।