मुख्यमंत्री ने कहा, “काशी की माटी से जुड़ी भारत की परंपरा को नई गति देने वाली और ठुमरी गायिकी को ऊंचाईयों पर ले जाने वाली गिरिजा देवी को शासन की तरफ से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। इस सांस्कृतिक संकुल का नाम अब गिरिजा देवी के नाम पर होगा। इसके लिए प्रक्रियागत कार्य किए जाएंगे।”
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी एक अभिभावक के रूप में देश को आगे ले जा रहे हैं। आज काशी विकास की नई ऊंचाई को छूने के लिए लालायित दिखाई दे रहा है।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “काशी की गलियां ही काशी की पहचान हैं। इसलिए गालियां विकसित हों, बुनियादी सुविधाएं दी जाएं, सरकार इसपर कार्य कर रही है। शौचालय का नाम इज्जत घर भले ही बिजनौर से शुरू हुआ, लेकिन इसकी पहचान काशी की धरती से मोदी के द्वारा ही हुई। दिसंबर के पहले वाराणसी के शहर और सभी गांव ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) घोषित हों, इसके लिए पहल जारी रहेगी।”
उन्होंने कहा कि वह देव दीपावली पर काशी आने की कोशिश करेंगे।
इससे पहले योगी सर्किट हाउस पहुंचे। यहा उन्होंने अधिवक्ताओं के आठ सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और भरोसा दिलाया कि कोर्ट परिसर को स्थानांतरित नहीं किया जाएगा।
योगी ने कहा कि कोर्ट की मल्टीस्टोरी बिल्डिंग यहीं बनेगी। इसके लिए जमीन की उपलब्धता पर भी चर्चा हुई। यहां से योगी गंगा उसपार डोमरी पहुंचे। संत मोरारी बापु और सीएम योगी ने एक-दूसरे को अंगवस्त्र प्रदान किए। यहां करीब एक घंटा राम कथा का श्रवण करने के बाद योगी कई योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास के लिए सांस्कृतिक संकुल पहुंचे।