अगरतला, 22 फरवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में वाम मोर्चे के साथ गठबंधन की संभावनाओं को लेकर त्रिपुरा कांग्रेस में तीव्र मतभेद उभर कर आए हैं।
त्रिपुरा कांग्रेस अध्यक्ष बिराजित सिन्हा और कुछ अन्य नेताओं का कहना है कि वे केंद्रीय नेतृत्व के हर फैसले को स्वीकार करेंगे, लेकिन विपक्ष के नेता, कांग्रेस के सुदीप रॉय बर्मन और उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री समीर रंजन बनर्जी वाममोर्चे के साथ किसी भी प्रकार के गठबंधन के सख्त खिलाफ हैं।
त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बिराजित सिन्हा ने सोमवार को कहा, “हम इस मामले में केंद्रीय नेतृत्व के हर फैसले को स्वीकार करेंगे।”
समीर रंजन बर्मन ने संवाददाताओं से कहा, “मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) एक नीति रहित पार्टी है। इसके कोई सिद्धांत नहीं हैं। लोगों ने इसे सत्ता से उखाड़ फेंका है। अब वह कांग्रेस के कंधे पर सवार होकर फिर से सत्ता हासिल करना चाहती है।”
बर्मन ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने पश्चिम बंगाल में वाममोर्चा के साथ गठबंधन के खिलाफ राय दी है और कहा है कि यह कांग्रेस के लिए ‘नुकसानदायक’ होगा।
बर्मन ने कहा, “हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पश्चिम बंगाल में माकपा ने अपने 34 साल के शासन के दौरान कांग्रेस के लगभग 50,000 प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं को बेरहमी से मार डाला था।”
आईएएनएस को मिली उनकी टिप्पणी के मुताबिक, “माकपा ने हमेशा राजीव गांधी और इंदिरा गांधी की छवि धूमिल करने की कोशिश की है और उन्होंने साम्यवाद को हमेशा देशभक्ति से ऊपर रखा है।”
कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता तापस डे ने कहा कि बर्मन की गलतियों की वजह से ही 1993 में कांग्रेस त्रिपुरा की सत्ता से दूर हुई थी।
सत्तारूढ़ माकपा ने कांग्रेसी नेताओं की टिप्पणियों का उपहास उड़ाया है।
माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य गौतम दास ने संवाददाताओं से कहा, “माकपा ने सभी प्रजातांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष पार्टियों से पश्चिम बंगाल में गठबंधन करने का आग्रह किया है।”