नई दिल्ली, 22 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली वक्फ बोर्ड ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि अभी तक वक्फ न्यायाधिकरण का गठन नहीं होने की वजह से वक्फ की 990 संपत्तियों को अवैध कब्जा करने वालों के चंगुल से नहीं निकाला जा सका है।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी.रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ ने वक्फ बोर्ड और दिल्ली सरकार से पूछा था कि न्यायाधिकरण के गठन के लिए अभी तक क्या कदम उठाए गए हैं।
पीठ ने दिल्ली सरकार के स्थाई अधिवक्ता राहुल मेहरा से न्यायाधिकरण के गठन पर दिल्ली सरकार से निर्देश लेने को कहा। मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी।
2015 में दाखिल अपने हलफनामे में वक्फ बोर्ड ने कहा था कि 2014 से वह दिल्ली सरकार को तीन पत्र लिख चुका है। इनमें न्यायाधिकरण के गठन के लिए अधिसूचना जारी करने का सरकार से आग्रह किया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अदालत न्यायाधिकरण के गठन और पहले से दिए गए आदेश के मुताबिक वक्फ की 990 संपत्तियों से अवैध कब्जा हटाने से संबंधित जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।
अधिवक्ता शाहिद अली ने अपनी इस याचिका में कहा है कि वक्फ अधिनियम इन 990 संपत्तियों से अवैध कब्जा हटाने के लिए कहता है। लेकिन, संबंधित परगनाधिकारी आदेश पर अमल नहीं कर रहे हैं। 2006 से 2013 के बीच पुलिस क्षेत्राधिकारियों ने परगनाधिकारियों से संपत्तियों से कब्जा हटाने का कई बार अनुरोध किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
याचिका में कहा गया है कि पहले यह अधिकार परगनाधिकारियों के पास था। लेकिन, वक्फ अधिनियम में 2013 में हुए संशोधन के बाद यह अधिकार वक्फ को दे दिया गया है।