श्रीनगर, 21 फरवरी (आईएएनएस)। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने रविवार को कहा कि जम्मू एवं कश्मीर के लोगों के हितों की रक्षा के लिए वह धारा के विपरीत जाने में नहीं हिचकेंगी।
श्रीनगर, 21 फरवरी (आईएएनएस)। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने रविवार को कहा कि जम्मू एवं कश्मीर के लोगों के हितों की रक्षा के लिए वह धारा के विपरीत जाने में नहीं हिचकेंगी।
यहां पार्टी के सदस्यता अभियान के मौके पर महबूबा ने कहा कि उनके पिता दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद बने बनाए रास्ते पर चलने में यकीन नहीं रखते थे। वह लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए धारा के विपरीत जाकर भी फैसले किया करते थे।
उन्होंने कहा कि अगर स्थितियों की मांग रही तो वह भी अपने पिता के नक्शेकदम पर चलेंगी।
उन्होंने कहा, “आपको समझना चाहिए कि उन्होंने (मुफ्ती सईद) पीडीपी क्यों बनाई थी। वह कभी भी आसान रास्तों के राही नहीं रहे। उन्होंने हमेशा नए रास्ते बनाए। चाहे कितने भी मुश्किल रहे हों, एक बार इन रास्तों पर कदम रखने के बाद वह कभी मुड़कर पीछे नहीं देखते थे।”
महबूबा ने अपने पिता पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती सईद के बारे में कहा, “वह कभी यू-टर्न नहीं लेते थे। वह कभी भी किसी बात को सही और उसी बात को अगले ही दिन गलत नहीं कहते थे।”
महबूबा ने कहा कि पिता की मृत्यु के बाद बीते डेढ़ महीने से वह सुन रही हैं कि मुख्यमंत्री की कुर्सी उनके पिता से उन्हें विरासत में मिली है और उन्हें इसे ले लेना चाहिए।
महबूबा ने कहा, “मेरे पिता की विरासत कुर्सी नहीं है। मुफ्ती मोहम्मद सईद की विरासत इतनी बड़ी है कि यह एक कुर्सी में नहीं समा सकती।”
महबूबा ने कहा, “उनकी (मुफ्ती सईद) विरासत साहस, ताकत और लोगों के लिए प्यार है जो हमेशा उनके दिल में रहा। उनकी विरासत उन रास्तों पर चलना है जिन पर जाने से लोग डरते हैं।”
उन्होंने कहा कि कश्मीर मसले का हल बंदूक से नहीं बल्कि बात से होगा। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि भाजपा उस बात को समझ गई है जो उनके पिता पाकिस्तान से संवाद के सिलसिले में कहा करते थे।
महबूबा ने कहा, “अमेरिका महाशक्ति है, लेकिन अफगानिस्तान और इराक में वह असफल हो गया। सीरिया है, लीबिया है। क्या ये स्वतंत्र देश नहीं हैं? लेकिन, एक बार जब बंदूक इन देशों में घुस गई, सब कुछ खत्म हो गया। बंदूक से किसी को फायदा नहीं होता।”
उन्होंने कहा, “मैं उन अभिभावकों का दर्द समझ सकती हूं जिनके बेटे कल मारे गए या किसी भी ऐसे युवा के अभिभावक जो बंदूक उठाता है और एनकाउंटर में मारा जाता है।”
मुफ्ती सईद के निधन के बाद से राज्य में राज्यपाल शासन लगा हुआ है। पीडीपी और भाजपा अभी तक नई सरकार के गठन पर राजी नहीं हो पाई हैं।