नई दिल्ली, 28 मार्च- केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कोरोनावायरस के कहर से निपटने के लिए किए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान खेती-किसानी और इससे संबंधित सेवाओं में दी गई छूट को व्यावहारिक फैसला बताया है। सरकार ने फसलों की बुवाई व कटाई से लेकर कृषि उत्पादों की बिक्री के लिए मंडियों और खेती से जुड़ी तमाम आवश्यक सेवाओं को बहाल रखने का फैसला लिया है। तोमर ने इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का आभार जताते हुए कहा कि इससे किसानों को सहूलियत मिलेगी।
तोमर ने कहा कि इस संबंध में किसानों के साथ उनके कुछ संगठनों की मांग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार, केंद्र सरकार ने गंभीरता से और सहानुभूतिपूर्वक तत्काल विचार किया, जिसके बाद किसानों एवं संबंधित लोगों के हित में व्यवहारिक निर्णय ले लिया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी एक आदेश में कहा गया कि कोरोनावायरस से लड़ने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बारे में 24 और 25 मार्च, 2020 को जारी आदेश संख्या 40-3/2020-डीएम-आई(ए) के परिप्रेक्ष्य में नेशनल एग्जीक्यूटिव कमेटी के अध्यक्ष द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम के अनुच्छेद 10(2)(स) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों के अनुसार दिशा-निर्देशों के सम्बंध में अब द्वितीय परिशिष्ट जारी कर दिया गया है। इस परिशिष्ट में 21 दिनों के लॉकडाउन के संबंध में आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कृषि व संबंधित वस्तुओं, सेवाओं और क्रियाकलापों को आवश्यक छूट देते हुए अतिरिक्त श्रेणियों में रखा गया है। इससे फसलों की कटाई में भी बाधा नहीं आएगी।
गृह मंत्रालय के द्वितीय परिशिष्ट के अनुसार, कृषि उत्पादों की खरीद से संबंधित संस्थाओं व न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित कार्यों, कृषि उत्पाद बाजार कमेटी व राज्य सरकारों द्वारा संचालित मंडियों, उर्वरकों की दुकानों, किसानों व कृषि श्रमिकों द्वारा खेत में किए जाने वाले कार्यों, कृषि उपकरणों की उपलब्धता हेतु कस्टम हायरिंग केंद्रों (सीएचसी) और उर्वरक, कीटनाशक व बीजों की निर्माण व पैकेजिंग इकाइयों, फसल कटाई व बुआई से संबंधित कृषि व बागवानी में काम आने वाले यंत्रों की अंतर्राज्यीय आवाजाही को भी छूट दी गई है।