नई दिल्ली, 14 जून (आईएएनएस)। परिवार कानूनों में लैंगिक समानता के लिए लड़ाई लड़ रहे गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) 20 जून को पूरे देश में रैलियां निकालेंगे। रविवार को सामाजिक कार्यकर्ताओं ने यह जानकारी दी।
रैली आयोजित करने वाले गैर सरकारी संगठन वैवाहिक कलह या अलगाव के मामलों में बच्चों की साझा परवरिश का अधिकार देने के संबंध में विधि आयोग की रिपोर्ट को लागू करने की मांग कर रहे हैं।
बेंगलुरू स्थित चाइल्ड राइट इनीशिएटिव फॉर शेयर्ड पेरेंटिंग (क्रिस्प) के अध्यक्ष कुमार वी. जागीरदार ने आईएएनएस से फोन पर कहा, “फादर्स डे के एक दिन पहले 20 जून को हम एक देशव्यापी रैली का आयोजन करेंगे। हमारी मांग है कि मई 2015 में विधि आयोग द्वारा तैयार किए गए मसौदे की सिफारिशों के आधार पर साझा परवरिश को आवश्यक बनाया जाए।”
उन्होंने कहा, “भारत सरकार को विधि आयोग के मसौदे के आधार पर संसद के आने वाले सत्र में एक विधयेक पेश करने के लिए कदम उठाने चाहिए। इस विधेयक में अभिभावकत्व और साझा परवरिश कानून में किए गए आवश्यक बदलाव शामिल हों।”
सेव फैमिली फाउंडेशन एनजीओ की दिल्ली इकाई के संस्थापक स्वरूप सरकार ने कहा कि वैवाहिक कलह के कारण भारत में आत्महत्या करने वाले विवाहित पुरुषों की संख्या बढ़ रही है।
उन्होंने कहा, “हमारे सामने ऐसे मामले आते रहते हैं जिनमें पुरुषों को उनके जैविक बच्चों से मिलने नहीं दिया जाता। परामर्श के दौरान हमारे सामने ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें पुरुषों में आत्महत्या की प्रवृत्ति हावी रहती है, क्योंकि उनकी समस्याएं सुनने के लिए ही कोई नहीं होता। महिलाओं के समान आयोग की तरह ही हम भारत में पुरुषों के लिए अलग से एक आयोग की मांग करते हैं।”
जागीरदार ने कहा, “सरकार को समाज में हो रहे परिवर्तनों को देखते हुए विधि आयोग के निष्कर्षो पर विचार करना चाहिए। अगर महिला एक साथ कई काम कर सकती है, तो फिर शादीशुदा आदमी बच्चों की परवरिश समेत घरेलू कामकाज क्यों नहीं कर सकता।”
वित्त आयोग द्वारा 22 मई को सरकार को दिए गए प्रस्ताव में अभिभावकत्व और साझा परवरिश कानूनों में संशोधन की बात कही थी और उसे कानून का मसौदा सौंपा था।