पणजी, 24 जुलाई (आईएएनएस)। गोवा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने लुई बर्जर रिश्वत कांड की त्वरित प्रारंभिक जांच की मांग को लेकर शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित किया। इस घोटाले में एक मंत्री और नौकरशाह संदेह के दायरे में हैं।
प्रस्ताव में कांग्रेस के नेतृत्व वाली तत्कालीन गठबंधन सरकार के शासन के दौरान हुए घोटाले के सिलसिले में दर्ज भ्रष्टाचार के सभी मामलों की त्वरित जांच की मांग के लिए भी एक प्रस्ताव पारित किया गया।
राज्य सचिवालय में विधायकों से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने संवाददाताओं से कहा, ” सभी की राय है कि दोषियों की पहचान कर जल्द से जल्द उनपर मुकदमा दर्ज किया जाए और जरूरत पड़े तो मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया जाए।”
उल्लेखनीय है कि लुई बर्जर के शीर्ष अधिकारियों ने भारत, वियतनाम, इंडोनेशिया और कुवैत जैसे एशियाई देशों में ठेके हासिल करने के लिए 39 लाख डॉलर रिश्वत देने का दोष स्वीकार कर लिया है।
अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा घोषित दस्तावेजों में हालांकि रिश्वत स्वीकारने वाले राजनीतिज्ञों और अधिकारियों के नाम नहीं हैं, लेकिन दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि गोवा के एक मंत्री और अन्य अधिकारियों को 2009-10 में 976,630 डॉलर की रिश्वत दी गई थी।
जानकार सूत्रों ने कहा है कि गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत और पूर्व लोक निर्माण मंत्री चर्चिल अलेमाओ रिश्वतखोरी मामले की जांच के दायरे में आ सकते हैं। कामत और अलेमाओ ने इस मामले में अपनी संलिप्तता से इंकार किया है।
लुई बर्जर उस कंर्सोटियम का हिस्सा थी, जिसने गोवा में अरबों डालर की एक जल एवं सीवरेज परियोजना के क्रियान्वयन का ठेका हासिल किया था। इस परियोजना को जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी ने फंडिंग की थी।
लुई बर्जर ने आधिकारिक बातचीत में आईएएनएस से शुक्रवार को कहा कि रिश्वत की बात कंपनी के अधिकारियों ने कबूल की है।
उप मुख्यमंत्री फ्रांसिस डिसूजा ने कहा कि तत्कालीन सरकार के शासन के दौरान घोटाले के सिलसिले में दर्ज भ्रष्टाचार के मामलों की अच्छी तरह जांच की जानी चाहिए।
डिसूजा ने कहा, “मामले की त्वरित जांच चाहने वाले सभी विधायकों की तरफ से आवेदन आया है।”