नई दिल्ली, 20 अगस्त (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने सैयद लियाकत शाह उर्फ लियाकत बुखारी को क्लीन चिट दिए जाने को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा दाखिल एक रिपोर्ट पर विचार करने के लिए 21 सितंबर की तारीख तय की है।
भारत आकर मार्च, 2013 में यहां कथित तौर पर आतंकवादी हमला करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने लियाकत को गिरफ्तार किया था।
अदालती सूत्रों के मुताबिक, पटियाला हाउस अदालत के जिला न्यायाधीश अमरनाथ ने बंद कमरे में सुनवाई के दौरान याचिका पर सुनवाई 21 सितंबर तक के लिए टाल दी।
इसी बीच एनआईए ने शाह को दस्तावेजों सहित आरोपपत्र की प्रति दी।
अदालत ने शाह की उस याचिका को भी मंजूरी कर लिया है, जिसमें उन्होंने सुनवाई के दौरान पेशी से स्थायी तौर पर छूट देने की मांग की है, जिसके लिए उन्होंने दलील दी है कि वे गरीब हैं और बार-बार कश्मीर से दिल्ली आने-जाने का खर्च नहीं उठा सकते।
शाह के वकील असीम अली ने अदालत से कहा कि उनके मुवक्किल मजदूरी का काम करके अपना जीवन-यापन करते हैं और उन्हें पांच सदस्यों के परिवार का पेट पालना पड़ता है।
एनआईए ने 24 जनवरी को दाखिल आरोपपत्र में शाह को आरोपमुक्त कर दिया था और जामा मस्जिद के निकट गेस्ट हाउस में हथियार व विस्फोटक पदार्थ रखने के लिए सबीर खान पठान को जिम्मेदार ठहराया था।
वहीं दिल्ली पुलिस ने आरोप लगया है कि उसके रहस्योद्घाटन के आधार पर दिल्ली पुलिस की एक विशेष शाखा ने हाजी अराफात गेस्ट हाउस पर छापा मारकर हथियार व विस्फोटक बरामद किया था।
एनआईए ने पठान के खिलाफ धोखाधड़ी, शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं तथा विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत एक आरोपपत्र दाखिल किया था। पठान फिलहाल फरार है।
शाह को दिल्ली पुलिस ने उस वक्त गिरफ्तार किया था, जब वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से नेपाल के रास्ते कश्मीर घाटी लौट रहा था। बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
जम्मू एवं कश्मीर पुलिस ने गिरफ्तारी का विरोध करते हुए कहा था कि शाह राज्य सरकार की उस नीति के तहत वापस आए थे, जिसमें सरकार ने 1990 से पहले पीओके गए लोगों को लौटने की मंजूरी दी थी।