इस्लामाबाद, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर के गुलशन-ए-इकबाल पार्क में आत्मघाती बम विस्फोट में मारे गए लोगों में से एक के परिवार ने कहा है कि वह पुलिस प्रताड़ना के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएगा।
समाचार पत्र ‘डॉन’ की वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को गुलशन-ए-इकबाल पार्क में हुए बम विस्फोट में 72 लोग मारे गए थे और अन्य 250 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। मृतकों में से एक मुहम्मद यूसुफ के शोकसंतप्त परिवार ने कहा कि पुलिस ने उनके कुछ परिजनों को हिरासत में लेकर उनकी तकलीफ को और बढ़ाया है।
पुलिस ने आत्मघाती बम विस्फोट की जांच के दौरान यूसुफ को गलती से आत्मघाती हमलावर घोषित कर दिया था और उसके कुछ परिजनों को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया था।
इस विस्फोट की जिम्मेदारी पाकिस्तानी तालिबान के एक धड़े जमात-उल-अहरार ने ली और कहा कि उसने ईस्टर के जश्न के दौरान जानबूझकर ईसाई समुदाय को अपना निशाना बनाया।
यूसुफ की मां जिंदन माई ने आपबीती सुनाई और कहा कि वह उस सलूक को कभी नहीं भूल सकतीं, जो पुलिस ने उनके परिवार के साथ किया। पुलिस ने परिवार को प्रताड़ित किया और उन्हें जेल में डाल दिया।
उन्होंने कहा कि वह पुलिस के सामने बार-बार गिड़गिड़ाईं कि उनका परिवार बेकसूर है, लेकिन पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी।
पुलिस ने गुलशन-ए-इकबाल पार्क में आत्मघाती विस्फोट के तुरंत बाद यूसुफ के घर पर छापा मारा था और उसके तीन भाइयों को गिरफ्तार कर लिया था और महिलाओं को अंदर बंद कर दिया था।
यूसुफ लाहौर गया था और अपने दोस्त बिलाल शकीर व कारी याकूब के साथ गुलशन-ए-इकबाल पार्क घूमने गया था। उस विस्फोट में बिलाल की भी मौत हो गई, जबकि याकूब घायल हुआ है। बिलाल व याकूब डेरा गाजी खान शहर से हैं।