लखनऊ, 29 सितंबर -उत्तर प्रदेश के इटावा स्थित लायन सफारी में इन दिनों बब्बर शेरों का एक मेहमान जोड़ा बीमार है। कानपुर चिड़ियाघर से बीते बुधवार को इटावा लाए गए बब्बर शेर विष्णु व लक्ष्मी को वायरल बताया जा रहा है। देशभर के कई बड़े वन्यजीव विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा कर यहां के कई डाक्टर इलाज में लगे हुए हैं।
इटावा लायन सफारी उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख मुलायम सिंह यादव का ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ है। इन बब्बर शेरों को संख्या बढ़ाने के मकसद से यहां लाया गया है।
बब्बर शेरों का पहला जोड़ा अप्रैल में और बाकी तीन जोड़े इसी महीने की शुरुआत में कानपुर से भेजे गए। इन्हीं तीन जोड़ों में और सबसे अखिर में आए शेरों के जोड़े (विष्णु और लक्ष्मी) के इटावा आते ही पहले घायल होने की खबर आई। अब खबर है कि शेरनी लक्ष्मी की हालत में सुधार हो रहा है, मगर शेर विष्णु की हालत अब भी नहीं सुधरी है।
इस जोड़े के इलाज में कई डाक्टर लगे हुए हैं। इसके बावजूद बब्बर शेरों के स्वास्थ्य पर कोई सकारात्मक असर नहीं दिखाई दे रहा है। डाक्टर विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा करने में जुटे हुए हैं।
विष्णु व लक्ष्मी को बीडिंग सेंटर से निकालकर अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां उनका इलाज विभिन्न चिड़ियाघरों से पहुंचे डाक्टरों की टीम कर रही है। डाक्टरों की टीम इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट (बरेली), वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट (देहरादून) के विशेषज्ञ डॉ.पराग निगम व लखनऊ के डॉ. उत्कर्ष शुक्ला के दिशा-निर्देश में इलाज कर रही है।
डॉ.यू.सी. श्रीवास्तव भी डॉक्टरों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि बब्बर शेरों के इलाज के लिए दुनिया के दूसरे देशों से भी परामर्श लिया गया है। दो दिन पहले लखनऊ चिड़ियाघर के डॉ. विकास शुक्ला, कानपुर चिड़ियाघर के डॉ.आर.के. सिंह व डॉ.नासिर ने दोनों बब्बर शेरों को ग्लूकोज चढ़ाया और इंजेक्शन व कुछ अन्य दवाइयां भी दीं। हालांकि शेर विष्णु ने तमाम कोशिशों के बाद भी खाना नहीं खाया।
जनवरी 2009 में जन्मे विष्णु की लंबाई नौ फुट और ऊंचाई साढ़े तीन फुट है, जबकि वजन 350 किलोग्राम है। विष्णु और लक्ष्मी को पांच अप्रैल 2013 को हैदराबाद के चिड़ियाघर से कानपुर लाया गया था।