चेन्नई, 10 जून (आईएएनएस)। भारतीय तटरक्षक के लापता डोर्नियर विमान का न तो अब तक कोई मलबा मिला है और न ही विमान और उसके चालक दल के फोन से कोई सिग्नल मिले हैं। तटरक्षक ने कहा कि सोमवार रात लापता हुए विमान के तलाशी अभियान में तेजी लाई गई है।
यहां बुधवार को जारी बयान में तटरक्षक ने कहा कि डोर्नियर के तलाशी अभियान के स्तर को बढ़ाया जा रहा है। तलाशी अभियान में सोनार के साथ दो और नौसेना पोतों को सतह के नीचे जांच करने के लिए तैनात किया जाएगा।
तटीय सुरक्षा एजेंसी ने कहा कि 15 अत्यधिक विशेष तटरक्षक/नौसेना जहाजों और तटीय सुरक्षा समूह की कई अन्य गश्ती नौकाओं को इस तलाशी अभियान में तैनात किया गया है।
लापता विमान का पता लगाने के लिए 40 घंटे तक उड़ानें भरी गईं।
तटरक्षक के एक अधिकारी से जब आईएएनएस ने तीनों चालक दल के सदस्यों के फोन से सिग्नलों बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि इस तरह के कोई सिग्नल नहीं मिले हैं।
पुडुचेरी के करैकल से सोमवार की रात लापता हुए इस विमान में चालक दल के तीन सदस्य सवार थे, जिनकी उम्र 30-40 साल के बीच बताई जा रही है।
चालक दल के सदस्यों में उप कमांडर विद्यासागर (पायलट), उप कमांडर एम. के. सोनी (सह-पायलट) और नेविगेटर/पर्यवेक्षक सुभाष सुरेश शामिल हैं।
लापता विमान को तमिलनाडु से लगे तटों और पाक जलडमरूमध्य में निगरानी के लिए लगाया गया था। विमान चेन्नई हवाईअड्डे से सोमवार शाम करीब छह बजे उड़ान भरकर निगरानी ड्यूटी के लिए रवाना हुआ था, लेकिन यह वापस नहीं लौटा।
उधर, मंगलवार को जारी किए गए एक आधिकारिक बयान में कहा गया था कि विमान के साथ आखिरी बार संपर्क सोमवार रात्रि नौ बजे हुआ था।
विमान को त्रिचि (तिरुचिरापल्ली) रडार पर आखिरी बार चेन्नई से 95 समुद्री मील दूर दक्षिण में पुडुचेरी के करैकल में सोमवार रात 9.23 बजे तक देखा गया था।
एक तटरक्षक अधिकारी ने मंगलवार रात आईएएनएस को बताया था कि विमान का कुछ पता नहीं चल पाया है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, “लापता डोर्नियर विमान को 2014 में भारतीय तटरक्षक के बेड़े में शामिल किया गया था और इसे बेहद अनुभवी चालक दल द्वारा उड़ाया जा रहा था।”
इस घटना से कुछ माह पहले ही भारतीय नौसेना का एक डोर्नियर-228 विमान गोवा के तट से चालक दल के तीन सदस्यों सहित अरब सागर में गिर गया था।