नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत के लद्दाख क्षेत्र में स्थानीय लोगों में गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल (जीआई) और त्वचा कैंसर के मामलों में वृद्धि हुई है। एक हालिया शोध में इस बात का खुलासा हुआ है। अध्ययन के मुताबिक अत्यधिक ऊंचाई, पराबैंगनीकिरण (यूवी) किरणों की अधिकता, ऑक्सीजन की कमी और बैठे रहने वाली जीवनशैली जीआई और त्वचा कैंसर के प्रमुख कारणों मंे शामिल हैं।
शोध के मुताबिक, जीआई कैंसर में वृद्धि ज्यादातर अस्वास्थ्यकर और निष्क्रिय जीवनशैली के कारण होती है। बासी मीट खाने और गर्म पेय पदार्थो की अधिक खपत के कारण ऐसा होता है। जीआई कैंसर 40 साल से अधिक उम्र के पुरुषों में होना आम है। उन महिलाओं में भी यह अधिक होता है, जिन्हें रजोनिवृत्ति या मीनोपॉज हो चुका है। जीआई कैंसर से निपटने के लिए कैंसर उपचार और जरूरी दवाओं तक सबकी पहुंच भी नहीं हो पाती है।
हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, “भारत में कैंसर के मामलों की वृद्धि के पीछे न सिर्फ बेहतर जांच सुविधाओं का उपलब्ध होना है, बल्कि जीवनशैली में बदलाव भी इसका एक प्रमुख कारण है। कैंसर से होने वाली मौतों का लगभग एक तिहाई हिस्सा पांच प्रमुख व्यवहार और आहार संबंधी जोखिमों से संबंधित है, जैसे तंबाकू, उच्च बीएमआई, फलों व सब्जी की कम खपत, शारीरिक गतिविधि की कमी, और शराब का सेवन।”
उन्होंने कहा, “जागरूकता पैदा करना जरूरी हो गया है, क्योंकि बीमारी के शुरुआती चरणों में केवल 12.5 प्रतिशत रोगी ही उपचार करवाते हैं। हालांकि कैंसर मामले बढ़ते जाने से यह रोग एक महामारी बन गया है, परंतु विडंबना यह है कि कैंसर की दवाएं बहुत महंगी हैं और आम आदमी तक इनकी पहुंच भी नहीं है। इस प्रकार, लोगों को किफायती दामों पर कैंसर दवाएं उपलब्ध कराना बहुत जरूरी है। सरकार को कैंसर की शुरुआती जांच सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाने चाहिए, क्योंकि यह एक तथ्य है कि शुरुआती जांच से कई जानें बचायी जा सकती हैं।”
डॉ. अग्रवाल ने बताया, “भारत में इलाज के लिए भारत में ही निर्माण जरूरी है। सबको समय पर इलाज मिल सके, यह सुनिश्चित करना भी आवश्यक है। इसमें चिकित्सा उपकरणों को भी शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य सभी महत्वपूर्ण और जीवन रक्षा उपकरणों को सस्ती कीमतों पर उपलब्ध और सुलभ बनाकर सभी के लिए किफायती स्वास्थ्य देखभाल के लक्ष्य को हासिल करना है।”
डॉ. अग्रवाल ने कैंसर की रोकथाम के लिए कुछ सुझाव देते हुए कहा, “किसी भी रूप में तंबाकू का उपयोग करने से बचें। चबाने वाला तंबाकू का संबंध माउथ कैविटी और पैंक्रियाज के कैंसर से है। स्वस्थ आहार का उपभोग करें। स्वस्थ वजन बनाए रखें। हर दिन शारीरिक गतिविधि न सिर्फ वजन घटाने, बल्कि फिट रहने के लिए भी महत्वपूर्ण है। खतरनाक आदतों से बचें। असुरक्षित सेक्स और इंजेक्शन को शेयर करने जैसी आदतें संक्रमण का कारण बन सकती हैं, जिससे बदले में कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।”