नई दिल्ली, 20 जून (आईएएनएस)। एक बाइक की कीमत जमा कराएं और बदले में पाएं दोगुना पैसा..यह है वह सब्जबाग जिसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की एक कंपनी ने दिखाया और कई लोग इसके जाल में फंस कर अपनी मेहनत की पूंजी गंवा बैठे। लाखों कमाने का सपना जब टूटा तब सामने आया कि कमाना तो दूर, जो पैसा अपना था, वो भी चला गया।
नई दिल्ली, 20 जून (आईएएनएस)। एक बाइक की कीमत जमा कराएं और बदले में पाएं दोगुना पैसा..यह है वह सब्जबाग जिसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की एक कंपनी ने दिखाया और कई लोग इसके जाल में फंस कर अपनी मेहनत की पूंजी गंवा बैठे। लाखों कमाने का सपना जब टूटा तब सामने आया कि कमाना तो दूर, जो पैसा अपना था, वो भी चला गया।
गर्वित इन्नोवेटर्स प्रमोटर्स लिमिटेड की इस बाइकबोट योजना का अब पर्दाफाश हो चुका है लेकिन निवेशकों के सामने यह सवाल पूरी शिद्दत से खड़ा है कि क्या उनकी मेहनत की कमाई उन्हें वापस मिलेगी। पुलिस का कहना है कि कंपनी के फर्जीवाड़े के शिकार लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रतिदिन लोग शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंच रहे हैं।
कंपनी के मालिक संजय भाटी ने इसी महीने अदालत में आत्मसमर्पण किया और कंपनी के निदेशक विजय पाल सिंह कसाना को छह जून को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। कंपनी देशभर के विभिन्न राज्यों के लाखों लोगों से करीब 14 अरब रुपये ठग चुकी है।
कंपनी ने सोशल मीडिया के माध्यम से कम समय में अधिक पैसा कमाने की इच्छा रखने वाले महत्वाकांक्षी युवाओं को निशाना बनाया। इस दौरान मेडिकल रिप्रजेंटेटिव (एमआर), टेलीकॉम सेक्टर में कार्यरत पेशेवर, युवा व्यवसायी और यहां तक कि युवा सैनिक भी कंपनी की ललचाने वाली योजनाओं का शिकार बन गए।
कंपनी के कर्मियों ने व्हाट्सएप ग्रुप्स बनाकर कंपनी की ‘आकर्षक योजनाएं’ फैलानी शुरू कर दीं। योजना में वादा किया जाता था कि एक बाइक की कीमत के 62,100 रुपये जमा कराने पर निवेशक को एक साल तक 9,765 रुपये प्रति माह वापस मिलेंगे, वहीं अगर एक साथ तीन बाइक की कीमत के 1,86,300 रुपये जमा करने पर एक साल तक 33,885 रुपये प्रतिमाह और पांच बाइकों की कीमत (3,10,500 रुपये) जमा करने पर निवेशक को एक साल तक 58,005 रुपये प्रति माह वापस मिलेंगे। इसके अलावा सात बाइकों और नौ बाइकों के लिए रुपये जमा कराने पर उसी अनुपात में धन देने की योजना पेश की गई थी।
कंपनी ने निवेशकों को भरोसा दिलाने के लिए शुरुआत में उनके खाते में किस्त भेजनी शुरू की, लेकिन बाद में किस्त बंद कर दी गई। कंपनी ने लोगों को निशाना बनाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया।
उत्तर प्रदेश के इटावा निवासी एक निवेशक ने आईएएनएस से फोन पर कहा, “मुझे इस योजना की जानकारी व्हाट्सएप के माध्यम से हुई थी। कंपनी ने तीन, पांच या और ज्यादा बाइकों में निवेश करने पर अतिरिक्त बोनस देने के लिए भी कहा था। मैंने जनवरी में 3.10 लाख रुपये का ऋण लेकर पांच बाइकों की कीमत का निवेश किया था। मुझे एक भी किस्त नहीं मिली।”
नोएडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्णा के कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया, “कंपनी के मालिक संजय भाटी को रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई थी, जिसके बाद उसकी निशानदेही पर उसके आवास से लगभग 100 बाइकें, कई जले हुए कम्प्यूटर्स, चेक बुक बरामद की गईं। कंपनी के निदेशक विजय पाल सिंह कसाना से पूछताछ हो रही है।”
उन्होंने कहा, “योजना के शिकार लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। थानों में पीड़ित प्रतिदिन शिकायतें लेकर आ रहे हैं।”
लोगों का भरोसा जीतने के लिए कंपनी ने शुरुआत में निवेशकों को रुपये दिए। लेकिन पिछले साल नवंबर-दिसंबर में निवेशकों को पैसे मिलने बंद हो गए। इसके बाद कंपनी ने शुरुआत में टालमटोल करने की कोशिश की, लेकिन निवेशकों के शांत नहीं होने पर कंपनी ने उन्हें चेक पकड़ा दिए। इससे कंपनी को कुछ दिनों तक राहत मिली लेकिन बाद में कंपनी के चेक बाउंस होने की घटनाएं आने लगीं और निवेशकों ने कानूनी लड़ाई लड़ने का फैसला कर लिया।