बलिया: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता राम इकबाल सिंह ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को लखीमपुर कांड की साजिश का सूत्रधार करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्हें तत्काल बर्खास्त करने की मांग की.
सिंह ने बलिया जिले के नगरा इलाके में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए लखीमपुर कांड के लिए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को जिम्मेदार ठहराया है.
उन्होंने कहा, ‘घटना के कुछ दिन पहले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के दिए गए धमकी भरे बयान ने ही आग में घी का काम किया है. गृह राज्य मंत्री को किसानों से माफी मांगनी चाहिए थी, लेकिन वह अपने बेटे के बचाव में लगे हुए थे.’
उत्तर प्रदेश भाजपा कार्य समिति के सदस्य और पूर्व विधायक सिंह ने कहा, ‘गृह राज्य मंत्री के पुत्र ने गाड़ी से किसानों को रौद कर मार डाला. उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद ही उसे गिरफ्तार किया गया, मगर मिश्रा आज भी मंत्री की कुर्सी पर हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उन्हें तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए. ऐसा नहीं करने पर नरेंद्र मोदी को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं.’
उन्होंने एक सवाल के जबाब में कहा कि लखीमपुर कांड व गोरखपुर में कारोबारी हत्याकांड से भाजपा सरकार की ‘किरकिरी’ हुई है.
उन्होंने कहा कि लखीमपुर की घटना में भाजपा कार्यकर्ता भी मारे गए हैं. सरकार को उनकी भी सुधि लेनी चाहिए. उन्होंने दावा किया कि इस घटना पर सरकार की बेरुखी से प्रदेश भर के कार्यकर्ता आक्रोशित हैं.
उन्होंने कहा, ‘इस घटना पर सरकार की ढिलाई से राज्य भर के कार्यकर्ता गुस्से में हैं. किसानों की तरह सरकार को भी मृतक कार्यकर्ताओं के परिजनों को आर्थिक सहायता और उनके परिवार के सदस्यों को नौकरी देनी चाहिए.’
पूर्व विधायक ने कहा कि भाजपा में दल के समर्पित कार्यकर्ताओं की स्थिति गिरमिटिया मजदूर जैसी हो गई है.
सिंह इससे पहले भी सरकार की आलोचना करते रहे हैं.
उन्होंने पहले कहा था कि राज्य में नौकरशाह सरकार चला रहे हैं. साथ ही उन्होंने कोविड-19 की दूसरी लहर से निपटने को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार पर भी सवालिया निशान लगाया था.
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया क्षेत्र में किसानों का एक समूह उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की यात्रा के खिलाफ तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहा था, तभी एक एसयूवी (कार) ने चार किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया, जिससे उनकी मौत हो गई थी.
लखीमपुर खीरी के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के विरोध में वहां के आंदोलित किसानों ने उनके (टेनी) पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया था.
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में करीब दस महीने से आंदोलन कर रहे किसानों की नाराजगी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के उस बयान के बाद और बढ़ गई थी, जिसमें उन्होंने किसानों को ‘दो मिनट में सुधार देने की चेतावनी’ और ‘लखीमपुर खीरी छोड़ने’ की चेतावनी दी थी.
हिंसा के दौरान चार किसानों समेत कुल आठ किसानों की मौत हुई थी.
गाड़ी से कुचल जाने से मृत किसानों की पहचान- गुरविंदर सिंह (22 वर्ष), दलजीत सिंह (35 वर्ष), नक्षत्र सिंह और लवप्रीत सिंह (दोनों की उम्र का उल्लेख नहींं) के रूप में की गई है.
बीते तीन अक्टूबर को भड़की हिंसा में भाजपा के दो कार्यकर्ता- शुभम मिश्रा और श्याम सुंदर निषाद, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के ड्राइवर हरिओम मिश्रा और एक निजी टीवी चैनल के लिए काम करने वाले पत्रकार रमन कश्यप की भी मौत हो गई थी.
किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा ने किसानों को अपनी गाड़ी से कुचला. हालांकि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने इस बात से से इनकार किया है.
इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा तथा अन्य के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था.
आशीष को बीते नौ अक्टूबर को करीब 12 घंटे तक चली पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था और वह 12 अक्टूबर से तीन दिन की पुलिस हिरासत में है.
अब तक लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या छह हो गई है- आशीष मिश्रा, लवकुश, आशीष पांडे, शेखर भारती, अंकित दास और लतीफ उर्फ काले.