लखनऊ, 12 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की राजधानी में इस बार दिवाली के मौके पर कम पटाखे छूटे। इसका फायदा यह हुआ कि ध्वनि और वायु प्रदूषण में पिछले वर्षो की तुलना में कमी आई।
प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी कुलदीप मिश्रा ने बताया कि इस दिवाली ध्वनि प्रदूषण कम हुआ है। प्रदूषण नियंत्रण कार्यालय की ओर से जारी आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि शहरवासियों ने तेज आवाज वाले पटाखे कम जलाए हैं।
उन्होंने बताया कि पिछले साल जहां दिवाली में फोड़े गए पटाखों से शहर में ध्वनि प्रदूषण का स्तर 100 डेसिबल के आसपास था तो इस साल इसका स्तर लगभग 21 प्रतिशत घटकर 79़ 76 डेसिबल रहा।
मिश्रा ने बताया कि दिवाली में तेज आवाज वाले पटाखे नहीं फोड़े जाएं, इसको लेकर शहर के स्कूल, कालेजों एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर जिलाधिकारी राजशेखर के नेतृत्व में मुहिम चलाई गई, जिसका असर साफ दिखा।
स्कूल, कालेजों में विशेष रूप से बच्चों को पटाखा रहित दिवाली मनाने की शपथ भी दिलाई गई। लाखों बच्चों ने शपथ लेते हुए शहर को ध्वनि प्रदूषण से मुक्त रखने की शपथ ली थी।
स्कूली बच्चों के साथ ही व्यापार एवं उद्योग संगठनों, पूजा समितियों और नागरिकों से तेज आवाज वाले पटाखे न जलाने की अपील भी की गई थी।
प्रदूषण नियंत्रण कार्यालय के मुताबिक, दिवाली पर अलग-अलग क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर डेसिबल में मापा गया। अलीगंज में जहां सबसे ज्यादा शोर 98़ 4 डेसिबल हुआ, वहीं आईटी चौराहे के आसपास ध्वनि प्रदूषण सबसे कम 71़ 6 डेसिबल रहा।