नई दिल्ली, 20 अप्रैल (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी के इंडिया हेबिटैट सेंटर स्थित अमलतास सभागार में साक्षी संस्था की ओर से आयोजित कार्यक्रम ‘कवि एक : रंग अनेक’ में सुप्रसिद्ध कवि, गजलकार लक्ष्मी शंकर वाजपेयी ने कविता की 11 उपविधाओं में रचना पाठ किया।
कवि का परिचय देते हुए कवयित्री अलका सिन्हा ने वाजपेयी की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला, जिनमें वेनेजुएला के विश्व कविता महोत्सव में भारत के एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में उनकी भागीदारी तथा लंदन में अंतर्राष्ट्रीय वातायन कविता सम्मान प्रमुख थीं।
कार्यक्रम का शुभारंभ साक्षी की अध्यक्ष डॉक्टर मृदुला टंडन के स्वागत भाषण और दीप प्रज्जवलन से हुआ।
काव्यपाठ से पूर्व वाजपेयी ने कहा, “जिस तरह संगीत में हमारी चिंता कुछ साजों और रागों को बचाने की है, उसी तरह कविता की अनेक श्रेष्ठ विधाओं को विलुप्त होने से बचाने की चिंता भी होनी चाहिए। अनेक विधाओं में लेखन तो हो रहा है, पर उनका समुचित मूल्यांकन नहीं हो रहा।”
इसके बाद लक्ष्मी शंकर वाजपेयी ने गीत, गजल, दोहा, छंदमुक्त, हाइकू, माहिया, घनाक्षरी, सवैया, मुक्तक, पद, क्षणिका, नवगीत, कुंडली जैसी उपविधाओं में काव्यपाठ किया।
वाजपेयी की कुछ गजलों का सुप्रसिद्ध गजल गायक शकील अहमद ने गायन भी किया। ताजा गजलों को श्रोताओं ने भरपूर सराहा। शकील अहमद की गायकी ने शनिवार की काव्य-संध्या में मौसिकी के खूबसूरत रंग भर दिए।
काव्य-प्रेमी श्रोताओं से भरे सभागार में विख्यात थिसॉरस लेखक अरविंद कुमार, फिल्म निर्माता लवलीन थडानी, लेखिका शीला झुनझुनवाला, चित्रकार संगीता गुप्ता, आकाशवाणी दिल्ली के निदेशक राजीव शुक्ल समेत अनेक प्रतिष्ठित विभूतियां उपस्थित थीं।
साथ ही पद्मभूषण सुभाष कश्यप, पद्मश्री आलोक मेहता, डॉ. एच.के. कौल, विदेश मंत्रालय की सुनीति शर्मा एवं ममता किरण का सान्निध्य भी रहा।