न्यूर्याक, 25 फरवरी (आईएएनएस)। अगर आप नेता की तरह दिखना चाहते हैं तो जिम जाना शुरू कर दें। एक नए शोध से यह बात सामने आई है कि जब किसी व्यक्ति के नेतृत्व क्षमता को परखा जाता है तो उसके मांसपेशियों वाले शरीर को बुद्धिमानी और ज्ञान की तुलना में अधिक महत्व दिया जाता है।
शोधकर्ताओं में से एक अमेरिका के केलिफोर्निया विश्वविद्यालय के बर्कलेज हास स्कूल ऑफ बिजनेस के मैनेजमेंट के प्रोफेसर कैमेरॉन एंडरसन का कहना है, “हमारे अध्य्यन के नतीजे आप सत्ता में बने हुए मजबूत लोगों में भी पा सकते हैं।”
उदाहरण के लिए आप अर्नाल्ड श्वार्जनेगर का मामला देखें तो उनके मिस्टर यूनिवर्स के टाइटिल और पिछली इमेज ने उनकी सफलता में अहम भूमिका निभाई थी।
2003 के ऐतिहासिक चुनाव में श्वार्जनेगर ने अपने प्रतिद्वंद्वी तुलनात्मक रूप से शारीरिक रूप से कमजोर केलीफोर्निया के गर्वनर ग्रे डेविस को बड़ी आसानी से मात दे दी थी।
यह अध्ययन जर्नल ऑफ पर्सनैलिटी एंड सोशल साइकोलॉजी में प्रकाशित किया गया है।
परीक्षण के दौरान प्रतिभागियों को कुछ शारीरिक रूप से मजबूत और मांसपेशियों से भरपूर लोगों के फोटो दिखाए गए और कुछ दुबले-पतले शारीरिक रूप से कमजोर लोगों को फोटो दिखाए गए और उन्हें पसंदीदा नेता चुनने को कहा गया। ज्यादातर लोगों ने मजबूत लोगों को चुना। लेकिन जब फोटोशॉप की मदद से कमजोर लोगों के चेहरों को मजबूत कदकाठी के साथ जोड़कर लोगों को दिखाया गया तो नतीजा उल्टा आया। इस अध्ययन के दौरान यह देखा गया कि लंबाई को देखकर भी लोग नेतृत्व क्षमता को आंकते हैं।
हालांकि यह मनोवृत्ति सिर्फ पुरूष नेतृत्व के संदर्भ में ही देखी गई। शारीरिक रूप से कमजोर और मजबूत महिलाओं की तुलना करने पर इस मानसिकता का बहुत मामूली प्रभाव देखा गया।