Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 लंदन में रेत से बना कोणार्क मंदिर | dharmpath.com

Friday , 11 April 2025

ब्रेकिंग न्यूज़
Home » फीचर » लंदन में रेत से बना कोणार्क मंदिर

लंदन में रेत से बना कोणार्क मंदिर

indexभुवनेश्वर, 7 नवंबर- रेत पर कला बनाने में माहिर सुदर्शन पटनायक ने विश्व में ओडिशा पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए लंदन के विश्व यात्रा बाजार में रेत पर कोणार्क मंदिर की एक सूक्ष्म आकृति बनाई। इसकी जानकारी शुक्रवार को कलाकार ने स्वयं दी। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से 56 किलोमीटर दूर स्थित तटीय शहर पुरी के रहने वाले पटनायक ने बताया कि एक थैला रेत से उन्होंने 13वीं शताब्दी के कोणार्क मंदिर की आकृति बनाई।

पटनायक ने लंदन से फोन पर आईएएनएस को बताया, “पर्यटकों के लिए कोणार्क सूर्य मंदिर की सूक्ष्म आकृति आकर्षण का केंद्र रही। ब्लैक पगोडा नाम से मशहूर कोणार्क मंदिर ओडिशा की एकमात्र ऐसी आकृति है जो यूनेस्को की विश्व विरासत में शामिल है।”

साथ ही उन्होंने कहा, “ओडिशा पर्यटन का हिस्सा बनकर मैं सम्मानित महसूस करता हूं और मैं अपनी रेत कला के माध्यम से लोगों को ओडिशा के प्रति आकर्षित करने का प्रयास कर रहा हूं।”

पटनायक को इस साल भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से नवाजा गया है।

तीन से छह नवंबर तक आयोजित होने वाला विश्व पर्यटन बाजार, यात्रा उद्योग के लिए प्रमुख वैश्विक आयोजन है।

लंदन में रेत से बना कोणार्क मंदिर Reviewed by on . भुवनेश्वर, 7 नवंबर- रेत पर कला बनाने में माहिर सुदर्शन पटनायक ने विश्व में ओडिशा पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए लंदन के विश्व यात्रा बाजार में रेत पर कोणार्क भुवनेश्वर, 7 नवंबर- रेत पर कला बनाने में माहिर सुदर्शन पटनायक ने विश्व में ओडिशा पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए लंदन के विश्व यात्रा बाजार में रेत पर कोणार्क Rating:
scroll to top