हैदराबाद, 20 फरवरी (आईएएनएस)। हैदराबाद विश्वविद्यालय की सामाजिक न्याय के लिए संयुक्त कार्य समिति (जेएसी) रोहित वेमुला को न्याय दिलाने की मांग करते हुए 23 फरवरी को नई दिल्ली में मार्च निकालेगी।
रोहित वेमुला हैदराबाद विश्वविद्यालय का दलित शोधार्थी था, जिसने पिछले महीने आत्महत्या कर ली थी।
यह मार्च अंबेडकर भवन से जंतर मंतर तक निकाला जाएगा, जिसमें छात्र, सामाजिक कार्यकर्ता, सांस्कृतिक कार्यकर्ता और बुद्धिजीवी हिस्सा लेंगे।
जेएसी में विभिन्न छात्र समूहों की भागीदारी है, जिनका मानना है कि रोहित ने दबाव में आकर खुदकुशी की। उन्होंने इसका आरोप सीधे तौर पर भाजपा सांसद व केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय पर लगाया है और इसे मामले में दत्तात्रेय के साथ-साथ केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी, हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति अप्पा राव, भाजपा विधायक रामचंद्रा राव, विश्वविद्यालय अधिकारी आलोक पांडेय और एबीवीपी के नेता सुशील कुमार के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उन्होंने इन पर रोहित की ‘संस्थागत हत्या’ का आरोप लगाया है।
जेएसी शिक्षा में जातिगत भेदभाव को समाप्त करने के लिए ‘रोहित एक्ट’ की मांग कर रहा है।
जेएसी कुलपति अप्पा राव को पद से हटाने, विश्वविद्यालय में रोहित के परिवार के एक सदस्य को रोजगार देने, न्यूनतम 50 लाख रुपये का मुआवजा, पांच शोधार्थियों के खिलाफ झूठे मामलों को वापस लेने, मामले के लिए विशेष सरकारी वकील की नियुक्ति और सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में दलितों, आदिवासियों, ओबीसी, धार्मिक अल्पसंख्यक छात्रों के साथ भेदभाव और उत्पीड़न के मामलों की न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं।
जेएसी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, “भाजपा, एबीवीपी और एचसीयू प्रशासन के हाथों रोहित वेमुला की संस्थागत हत्या को एक महीना हो गया है। रोहित उन पांच दलित छात्रों में एक था, जिन्हें छात्रावास से निकाला गया। उन्हें फासीवादी और ब्राह्मणवादी ताकतों के अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के लिए सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ा।”
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के मुद्दे पर जेएसी ने कहा कि सरकार ने झूठी खुफिया रिपोर्टों के आधार पर इसे देश विरोधी घोषित किया है।