नई दिल्ली- चुनाव आयोग द्वारा नोटिस जारी किए जाने के एक दिन बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निशाना साधते हुए कहा कि आए दिन सांप्रदायिक टिप्पणियां करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कितने केस दायर किए गए हैं.
पश्चिम बंगाल के दमजुर में एक रैली के दौरान उन्होंने कहा, ‘यदि मेरे खिलाफ दस कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है, तब भी इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. मैं सभी को एकजुट होकर वोट करने के लिए कह रही हूं. नरेंद्र मोदी के खिलाफ कितनी शिकायतें दर्ज की गई हैं. वे हर दिन हिंदू-मुस्लिम करते हैं.’
बनर्जी ने आगे कहा, ‘उन लोगों के खिलाफ कितने मामले दर्ज किए गए हैं जिन्होंने नंदीग्राम के मुसलमानों को पाकिस्तानी कहा था? क्या उन्हें शर्म नहीं आती है? वे मेरे खिलाफ कुछ भी नहीं कर सकते हैं. मैं हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, आदिवासियों के साथ हूं.’मालूम हो कि चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नेता ममता बनर्जी को हुगली में चुनाव रैली के दौरान कथित तौर पर सांप्रदायिक आधार पर मतदाताओं से अपील करने के लिए बीते बुधवार को एक नोटिस जारी किया था.
नोटिस में कहा गया कि चुनाव आयोग को भाजपा के प्रतिनिधिमंडल से शिकायत मिली है, जिसमें आरोप लगाया है कि तीन अप्रैल को बनर्जी ने हुगली में ताराकेश्वर की चुनाव रैली के दौरान मुस्लिम मतदाताओं से की कि उनका वोट विभिन्न दलों में न बंटने दें.
चुनाव आयोग ने पाया है कि उनका भाषण जन प्रतिनिधित्व कानून और आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन करता है.
ममता बनर्जी ने गुरुवार को मतदाताओं को चौकन्ना रहने की सलाह देते हुए कहा कि केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के जवान गांवों में लोगों को डराने-धमकाने पहुंच सकते हैं.
हुगली जिले के बालागढ़ में जनसभा को संबोधित करते हुए बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्रीय बल ‘अमित शाह द्वारा संचालित केंद्रीय गृह मंत्रालय’ के निर्देशों पर काम कर रहे हैं.
तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘मैं केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के प्रति सम्मान रखती हूं, लेकिन वे दिल्ली के निर्देशों पर काम कर रहे हैं. वे मतदान वाले दिन से पहले ग्रामीणों पर अत्याचार करते हैं. कुछ तो महिलाओं का उत्पीड़न कर रहे हैं. वे लोगों से भाजपा के लिए वोट करने को कह रहे हैं. हम ऐसा नहीं होने देंगे.’
बनर्जी ने कहा कि राज्य पुलिस बल को चौकन्ना रहना चाहिए और दिल्ली के सामने झुकना नहीं चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘आपका काम निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराना है. कृपया शरारती तत्वों के साथ सख्ती से पेश आएं और एकजुटता बनाकर रखें.’
ग्रामीणों को केंद्रीय बलों की किसी भी ज्यादती पर स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने की सलाह देते हुए बनर्जी ने कहा, ‘अगर थानों में प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाए तो हमें सूचित करें.’
भाजपा पर पूरे इलाके में धारा 144 लागू होने का झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘वे दहशत फैलाने के लिए झूठ बोलते हैं. वास्तव में किसी बूथ के 200 मीटर के दायरे में धारा 144 लगी होती है. लेकिन वे हमारे मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक जाने से रोकने के लिए ऐसा कर रहे हैं.’
उन्होंने मतदाताओं से कहा कि पश्चिम बंगाल को ‘एक और गुजरात’ नहीं बनने दें.
उन्होंने कहा, ‘अगर आप गुप्तीपारा की सबसे पुरानी दुर्गा पूजा को बचाना चाहते हैं, यदि आप दुर्गा पूजा जैसे त्योहारों को बचाना चाहते हैं तो भाजपा को हराएं.’
बनर्जी ने महेश में ऐतिहासिक रथयात्रा के संरक्षण का, बंदेल चर्च में समारोहों का, जंगलमहल में अनोखे संथाल त्योहारों के संरक्षण का अपना वादा दोहराया तथा भाषण समाप्त करते हुए ‘चंडी मंत्र’ पढ़ा.
तृणमूल कांग्रेस ने ममता को नोटिस जारी करने को लेकर चुनाव आयोग पर साधा निशाना
वहीं तृणमूल कांग्रेस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नोटिस जारी करने को लेकर बीते बुधवार को चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए सवाल किया कि भाजपा के खिलाफ दर्ज शिकायतों पर अब तक क्या कदम उठाए गए हैं.
तृणमूल कांग्रेस की प्रवक्ता महुआ मोइत्रा ने कहा कि चुनाव आयोग भेदभाव करना बंद करे.
मोइत्रा ने ट्वीट किया, ‘भाजपा की शिकायत पर चुनाव आयोग ने ममता दीदी को नोटिस जारी किया. तृणमूल कांग्रेस की शिकायतों पर क्या हुआ. भाजपा उम्मीदवार द्वारा नकदी बांटने के वीडियो सबूत भी हैं. भाजपा की बैठकों में हिस्सा लेने के लिए कैश कूपन भी बांटे गए.’
चुनाव आयोग ने हुगली में प्रचार के दौरान सांप्रदायिक आधार पर वोटरों से कथित तौर पर अपील करने को लेकर बनर्जी को नोटिस जारी किया है.
जितने भी राज्यों में चुनाव हुआ, उनमें से केवल बंगाल में हिंसा देखी गई: अधीर रंजन चौधरी
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जिन चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए हैं उनमें से हिंसा की घटनाएं केवल पश्चिम बंगाल में हुई और इसके लिए भाजपा तथा तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है.
कांग्रेस की पश्चिम बंगाल ईकाई के अध्यक्ष चौधरी ने बीते बुधवार को पत्रकारों से कहा, ‘हालांकि इस बार अब तक हुए तीन चरणों के चुनाव में पश्चिम बंगाल में हिंसा की ऐसी घटनाएं कम रहीं और इसका श्रेय निर्वाचन आयोग (ईसी) को जाता है.’
उन्होंने कहा, ‘पश्चिम बंगाल के अलावा तीन अन्य राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव हुआ लेकिन बूथ पर कब्जा करना, खूनखराबा और हमले की घटनाएं केवल हमारे राज्य में सुनी गई.’
लोकसभा में कांग्रेस के नेता ने कहा कि केवल केंद्रीय बलों के जवान ही चुनाव के दौरान हर अप्रिय घटना को नहीं रोक सकते और इसकी जिम्मेदारी राज्य पुलिस पर भी बनती है.
उन्होंने यह भी दावा किया कि वाम-कांग्रेस-आईएसएफ गठबंधन पश्चिम बंगाल में तीसरी ताकत के तौर पर अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है.
उन्होंने कहा कि कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में 28 फरवरी को गठबंधन की रैली में भारी संख्या में लोग ‘फासीवादी और अलोकतांत्रिक’ ताकतों के खिलाफ एकजुट हुए.
चौधरी ने कहा कि यह दिलचस्प है कि टीएमसी और भाजपा दोनों यह कह रही हैं कि चुनाव में उनका लक्ष्य 200 सीटें जीतने का है.
भाजपा अपने एजेंडे के अनुरूप इतिहास को बदलना चाहती है: ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को भाजपा पर हमला करते हुए दावा किया कि पार्टी अपने एजेंडे के अनुरूप कई स्थानों के इतिहास को बदलना चाहती है.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि भाजपा ‘अधिनायकवादी शासन’ लागू करेगी, जिसमें वह तय करेगी कि लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या पहनना चाहिए.
बनर्जी ने चुनावी सभा में कहा, ‘उन्होंने (भाजपा ने) कई स्टेशनों के नाम बदल दिए. उन्होंने क्रिकेट स्टेडियम का नाम प्रधानमंत्री के नाम पर कर दिया. वह दिन दूर नहीं जब वे आपका और हमारा नाम भी बदल देंगे.’
ममता बनर्जी. (फोटो: पीटीआई)
ममता बनर्जी. (फोटो: पीटीआई)
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा अपने एजेंडे के अनुरूप कई स्थानों के इतिहास को बदलना चाहती है. हालांकि, उन्होंने रेलवे स्टेशनों या किसी स्थान के नाम का जिक्र नहीं किया.
निर्वाचन आयोग सांप्रदायिक भाषणों के कारण ममता बनर्जी को चुनाव प्रचार करने से रोके: बाबुल सुप्रियो
टॉलीगंज विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो का कहना है कि ‘अति कटु और सांप्रदायिक’ भाषणों तथा बंगाल के राजनीतिक विमर्श को अब तक के ‘निम्नतम स्तर’ पर ले जाने की वजह से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चुनाव प्रचार करने से रोका जाना चाहिए.
आसनसोल से लोकसभा सदस्य सुप्रियो ने विपक्ष के इस दावे को खारिज किया कि भाजपा ने उन्हें विधानसभा चुनाव में उतारकर उनकी ‘पदावनति’ की है. उन्होंने कहा कि वह खुद विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे.
सुप्रियो ने कहा, ‘मुख्यमंत्री होने के बावजूद, ममता बनर्जी जिस तरह की टिप्पणियां कर रही हैं, वह शर्मनाक है. अपने अति कटु भाषणों और सांप्रदायिक प्रचार से वह राजनीतिक विमर्श को अब तक के निम्नतम स्तर पर पहुंचा चुकी हैं. निर्वाचन आयोग को उन्हें पूरे चुनाव तक के लिए प्रचार से रोक देना चाहिए.’
सुप्रियो ने राजनीतिक विरोधियों को दुश्मन बताने के लिए बनर्जी और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की आलोचना की तथा कहा कि हर किसी को निजी हमले करने से बचना चाहिए.
जाने-माने गायक ने कहा कि राजनीति में लोगों को विचारधारा और नीतियों के मुद्दे पर लड़ना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘लेकिन विरोधियों को दुश्मन मानना, यह बदलाव, ममता बनर्जी का बंगाल की राजनीति को दिया गया उपहार है. इसे बदलना होगा और भाजपा इसे बदलेगी.’
इन दावों कि पार्टी के कई सांसदों और वरिष्ठ नेताओं को विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए ‘विवश’ किया गया क्योंकि भाजपा के पास पर्याप्त संख्या में अच्छे उम्मीदवार नहीं थे, पर्यावरण राज्य मंत्री ने इसका जवाब ‘न’ में दिया.
उन्होंने कहा, ‘भाजपा बंगाल के सम्मान, गौरव और आत्मा के लिए लड़ रही है तथा हम सभी इसमें अपनी भूमिका निभाना चाहते हैं.’
भाजपा ने राज्यसभा सदस्य स्वप्न दासगुप्ता सहित अपने पांच सांसदों और पार्टी उपाध्यक्ष मुकुल रॉय को बंगाल में विधानसभा चुनाव में उतारा है. दासगुप्ता को यहां तक कि संवैधानिक कारणों से राज्यसभा से इस्तीफा देना पड़ा.
सुप्रियो टॉलीगंज से तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं तीन बार के विधायक और राज्य के मंत्री अरूप बिस्वास के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं.
यह पूछे जाने पर कि वह अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र आसनसोल से दूर तथा अधिक चुनौतीपूर्ण सीट से क्यों चुनाव लड़ रहे हैं, सुप्रियो ने कहा कि वह मुश्किल सीट से लड़ना चाहते थे.
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भाजपा 200 से अधिक सीट जीतकर बंगाल में सरकार बनाने जा रही है.
सुप्रियो इस सवाल को टाल गए कि क्या वह मुख्यमंत्री पद की दावेदारी में शामिल होंगे.
उन्होंने कहा, ‘अभी, मैं अपनी सीट जीतने पर ध्यान दे रहा हूं. जहां तक आपके सवाल का संबंध है तो इस बारे में पार्टी को निर्णय करना है. मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना है. मैं अपनी पार्टी के निर्देशों का पालन करूंगा.’
भाजपा सांसद ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप लगाया.
कोलकाता के बेहाला में मिथुन के रोड शो की अनुमति नहीं, भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया
भाजपा को गुरुवार को शहर के बेहाला इलाके में अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती का रोड शो निकालने की अनुमति नहीं दी गयी, जिसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक थाने के बाहर प्रदर्शन किया. मिथुन चक्रवर्ती हाल ही में भाजपा में शामिल हुए थे.
बेहाला पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहीं अभिनेत्री श्राबंती चटर्जी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया.
प्रसिद्ध बांग्ला अभिनेत्री और भाजपा नेता चटर्जी ने कहा, ‘कोलकाता पुलिस ने हमारे नेता मिथुन चक्रवर्ती को बिना किसी कारण के मेरे लिए प्रचार करने की अनुमति नहीं दी.’
उन्होंने कहा, ‘तृणमूल कांग्रेस हमें प्रचार करने से रोकने के इस तरह के अलोकतांत्रिक कृत्यों से अपनी होने वाली हार को नहीं टाल सकती. क्या राज्य सरकार को सत्ता जाने का डर है?’
भाजपा कार्यकर्ताओं ने परणाश्री थाने के सामने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी की.
भाजपा सूत्रों ने कहा कि शहर पुलिस ने बुधवार रात को जब रोडशो के आवेदन को निरस्त कर दिया तो पार्टी ने बेहाला इलाके में अभिनेता मिथुन को घर-घर जाकर प्रचार करने देने की अनुमति मांगी.
उन्होंने दावा किया कि अंतिम समय में इसकी इजाजत भी नहीं दी गयी.
कोलकाता पुलिस ने इस बारे में कुछ नहीं कहा.
भाजपा उम्मीदवार ने बाद में विधानसभा क्षेत्र में रोडशो निकाला जिसमें मिथुन शामिल नहीं हुए. चटर्जी इस सीट पर तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज नेता और पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी के खिलाफ खड़ी हैं.
हालांकि मिथुन चक्रवर्ती ने केंद्रीय मंत्री तथा भाजपा उम्मीदवार बाबुल सुप्रियो के समर्थन में टॉलीगंज में रोड शो निकाला.
बंगाल भाजपा अध्यक्ष ने तृणमूल कार्यकर्ताओं पर लगाया हमला करने का आरोप
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने बीते बुधवार को आरोप लगाया कि उत्तर बंगाल के कूचबिहार जिले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं ने उनकी कार पर बम एवं ईंटों से हमला किया. सत्तारूढ़ पार्टी ने इन आरोपों से इनकार किया है.
घोष ने कहा कि सीतलकूची में भाजपा की बैठक के बाद उनकी कार पर हमला किया गया जिसमें उनकी कार की खिड़कियों के शीशे टूट गए.
कार में जिस तरफ वह बैठे थे, उधर की खिड़की का शीशा भी टूटा गया जिसके बाद उन्हें एक ईंट भी आकर लगी.
घोष ने वीडियो संदेश में कहा, ‘अगर यह स्थिति है, तो कोई कैसे कूचबिहार में निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव की उम्मीद कर सकता है जहां लोगों ने 2019 के लोकसभा चुनाव में बदलाव के पक्ष में मतदान किया था.’
कूचबिहार जिले में विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में 10 अप्रैल को मतदान होना है.
भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनावों में कूच बिहार समेत उत्तर बंगाल में सात सीटें जीती थी
आरोप लगाया गया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की रैली से लौट रहे तृणमूल कार्यकर्ता घोष की बैठक में शामिल हुए भाजपा कार्यकर्ताओं से उलझ गए थे.
घोष ने कहा, ‘मैं बैठक के बाद अपनी कार में लोगों के वहां से जाने का इंतजार कर रहा था जब टीएमसी का झंडा लिए लोगों ने हम पर बंदूकों, ईंटों, बमों और डंडों से हमला किया गया. यह तालिबानी हमले की तरह था.’
उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी गाड़ी पर कई देशी बम फेंके गए.
तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि हमले में सत्तारूढ़ पार्टी का हाथ नहीं है.
स्वराज, जेटली पर टिप्पणी से आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हुआ: उदयनिधि
डीएमके की युवा इकाई के नेता उदयनिधि स्टालिन ने बीते बुधवार को इनकार किया कि भाजपा के दिवंगत नेताओं सुषमा स्वराज और अरुण जेटली के बारे में चुनाव प्रचार के दौरान टिप्पणी कर उन्होंने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया.
चुनाव आयोग द्वारा बीते मंगलवार को जारी नोटिस पर जवाब देते हुए उदयनिधि ने कहा कि उनके समूचे भाषण पर गौर नहीं किया गया और केवल दो लाइनों का हवाला दिया गया है.
चुनाव आयोग ने उदयनिधि को बुधवार शाम पांच बजे के पहले नोटिस का जवाब देने का निर्देश दिया था और ‘ऐसा नहीं होने पर आगे बिना बताए कदम उठाने के बारे में कहा गया था.’
अपने जवाब में उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि दो लाइनों के संदर्भ पर फैसला करते समय उनके समूचे भाषण के सार और इरादे की सराहना होनी चाहिए. उन्होंने दलील दी कि चुनाव आयोग को समूचा बयान प्रस्तुत करना चाहिए.
उदयनिधि ने कहा, ‘शुरुआत में ही मैंने इनकार किया कि मैंने आचार संहिता का किसी प्रकार से उल्लंघन किया.’
नोटिस में कहा गया था कि चुनाव आयोग को भाजपा से एक शिकायत मिली है जिसमें आरोप लगाया गया कि उदयनिधि स्टालिन ने 31 मार्च को धारापुरम में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि ‘सुषमा स्वराज और अरुण जेटली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दी गयी प्रताड़ना और दबाव को नहीं सहन कर पाए जिससे उनकी मौत हो गयी.’
तमिलनाडु विधानसभा की 234 सीटों पर चुनाव के लिए प्रचार चार अप्रैल को खत्म हुआ और मतदान मंगलवार को हुआ था.
आयोग ने ममता बनर्जी से 48 घंटों के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा था.