धर्मपथ– महू की 8 जुलाई की वह रात जब अपने पुश्तैनी मकान में धार्मिक कारणों से आये हुए हार्डवेयर बोहरा व्यापारी का परिवार संघी मोहल्ले में शोर्ट-शर्किट से लगी आग का शिकार बन गया.इस आग में परिवार का एक नन्हा मासूम और एक वृद्ध महिला की जान चली गयी.यह नुक्सान और भी भीषण हो जाता यदि सहरी के लिए रात तीन बजे उठे हम्माल मोहल्ले के नौजवान जगे हुए नहीं होते.
इन नौजवानों ने आवाज सुन सहरी छोड़ इंसानों की जान बचाना जरूरी समझा और अपनी जान पर खेल कई लोगों की जान बचाई.रोजे में सहरी का महत्व होता है लेकिन इन युवकों ने सब को ताक पर रख इंसानियत को तरजीह दी और बचाव कार्य किया.बोहरा परिवार महू के अन्य मोहल्ले में रहता है लेकिन किसी धार्मिक कार्यक्रम को पूरा करने अपने पुश्तैनी घर आया हुआ था.