छतरपुर/ ललितपुर 1 अप्रैल -(धर्मपथ) उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में फैले बुंदेलखंड क्षेत्र में कई विश्व प्रसिद्घ धरोहरें और पर्यटन स्थल हैं। इसी इलाके में स्थित है खजुराहो। खजुराहो का नाम लेते ही मानस पटल पर सदियों पहले पत्थर पर उकेरी गईं मूर्तियां चित्रित हो उठती हैं। पर्यटक यहां खिंचे चले आते है, जहां पहुंचने का प्रमुख साधन सड़क मार्ग है।
हालांकि यहां पहुंचने के लिए हवाई सुविधा भी उपलब्ध है। लेकिन गर्मियों में हवाई सेवा में कटौती और यह सेवा महंगी होने के कारण बहुत से पर्यटक इसे नहीं लेते। ऐसे में यदि रेल सुविधाओं का भी खजुराहो तक विस्तार हो जाए तो पर्यटकों के लिए यह अधिक सुविधाजनक हो जाएगा। केंद्र सरकार ने इस बार के बजट में रेल सुविधा में विस्तार के लिए 175 करोड़ रुपये दिए हैं, जिसके तहत ललितपुर से सीधी रेलगाड़ी पर्यटकों को खजुराहो तक ले जाएगी।
झांसी रेल मंडल के प्रबंधक संतोष कुमार अग्रवाल ने बताया कि रेलवे पर्यटन स्थलों तक अपनी सेवाएं बढ़ाने को लेकर तेजी से कार्य कर रहा है। इसी कड़ी में दुनिया के पर्यटन मानचित्र में खास जगह रखने वाले खजुराहो तक ललितपुर से सीधी रेलगाड़ी डेढ़-दो साल में पहुंचने लगेगी।
उन्होंने कहा, “रेल सेवा के विस्तार के बाद ललितपुर में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और यहां भी पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी। क्षेत्र के कई अनछुए इलाके रेलगाड़ी पहुंचने के बाद विश्व पर्यटन के नक्शे पर उभर सकेंगे। इसके साथ ही रेल यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर झांसी-टीकमगढ़ के बीच चलने वाली रेलगाड़ी के भी दो फेरे बढ़ाए जाने की भी तैयारी चल रही है।”
अग्रवाल ने कहा कि इसके अलावा देवगढ़ क्रसिंग पर ओवरब्रिज बनाने के लिए प्रदेश सरकार को बजट का प्रस्ताव भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि दोपहिया वाहनों, टैक्सी आदि के लिए अलग से स्टैंड बनाए जाने के लिए भी जगह चिह्न्ति की जा रही है।
खजुराहो तक पहुंचने के लिए उपलब्ध रेल सुविधा पर गौर करें तो यह पर्यटन नगरी अभी सिर्फ महोबा से ही जुड़ पाई है। खजुराहो के ट्रेवल एजेंट अजय कश्यप ने आईएएनएस को बताया कि खजुराहो से उदयपुर के लिए प्रतिदिन सीधी रेल उपलब्ध है, तो दिल्ली जाने वाली उत्तर प्रदेश संपर्क क्रांति के लिए लिंक ट्रेन मिली है, वहीं सप्ताह में तीन दिन बनारस जाने के लिए भी बुंदेलखंड की लिंक गाड़ी उपल्बध है।
कश्यप ने बताया कि गर्मिर्यो में हवाई सेवाओं में कटौती के कारण खजुराहो में पर्यटकों का आना कम हो जाता है, ऐसे में यदि रेल सुविधा बेहतर की दी जाए, तो निश्चित रूप से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
ललितपुर-सिंगरौली रेलमार्ग परियोजना 541 किलोमीटर लंबी है, महोबा से लेकर खजुराहो तक हालांकि 85 किलोमीटर रेलमार्ग का काम पहले ही पूरा हो चुका है और गाड़ियों का परिचालन भी शुरू हो गया है। ललितपुर से टीकमगढ़ को रेल मार्ग के जरिए जोड़ा जा चुका है। वहीं टीकमगढ़ से छतरपुर के बीच रेल मार्ग का काम भी लगभग पूरा हो गया है। इसके आगे छतरपुर से खजुराहो को जोड़ा जाना है, जिसके लिए खजुराहो और पन्ना रेल योजना पर काम अभी बाकी है। इस रेल परियोजना के पूरा होने से बुंदेलखंड अंचल के छतरपुर, टीकमगढ़ और पन्ना जैसे जिले रेलमार्ग से सीधे जुड़ जाएंगे।