नई दिल्ली, 2 जनवरी – भारतीय रेल ने निर्णय लेने और कार्य निष्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए शुक्रवार को निविदा संबंधी समग्र अधिकारी महाप्रबंधकों को दे दिया। माना जा रहा है कि संगठन संरचना के शीर्ष पर काम के दबाव को कम करने के लिए ऐसा किया गया है। पहले निविदा संबंधी कार्य उत्पादन इकाई से होते हुए जोनल रेलवे और उसके बाद रेलवे बोर्ड को सौंपा जाता था।
भारतीय रेल के मुताबिक, 500 करोड़ रुपये तक की निविदा के लिए पर्यवेक्षण समिति में संबंधित कार्यकारी निदेशकगण और अतिरिक्त सदस्य के तौर पर निविदा स्वीकार करने वाला विभाग होगा।
रेलवे ने साथ ही कहा कि 500 करोड़ रुपये से अधिक की निविदा के मामले में निविदा स्वीकार करने वाले विभाग में संबंधित रेलवे बोर्ड सदस्य होंगे।
कार्यकारी निदेशकों और उनसे नीचे के स्तर के अधिकारियों द्वारा निविदा स्वीकार करने के मामले में वर्तमान तरीका ही जारी रहेगा।