दिल्ली-रेल मंत्रालय नागरिकों से पैसा वसूल करने के नए-नए कायदे आजमा रहा है.मोदी जी की व्यावसायिक योजनाओं के तहत पहले आम आदमी को किराये का झटका देने के और टिकट-निरस्तीकरण का करंट मारने के बाद अब वरिष्ठ नागरिकों की आयु सीमा 60 वर्ष से 65 वर्ष करने पर विचार चल रहा है.
प्रथम श्रेणी से इस रियायत को ख़त्म किया जा सकता है .सूत्रों का यह भी कहना है कि रेलवे जो तमाम छूट देता है उनमें से कुछ का भुगतान वह संबंधित मंत्रालयों से साझा करना चाहता है। उसका कहना है कि इसके दायरे में दिव्यांग लोगों को दी जानी वाली छूट का किराया सामाजिक न्याय मंत्रालय, खिलाड़ियों को दी जाने वाली छूट का किराया खेल मंत्रालय से और सेन्य कर्मियों को दी जाने वाली छूट का किराया रक्षा मंत्रालय से लिया जा सकता है। रेलवे का कहना है कि संबंधित मंत्रालय ही यह खर्चा वहन करें।
रेलवे को विभिन्न श्रेणियों में रियायती यात्रा सुविधाएं मुहैया कराने पर सालाना करीब 1400 करोड़ रुपये का खर्च आता है।