पश्चिमी मीडिया की कुछ रपटों में मंगलवार सुबह कहा गया था कि विशेष निकासी अधिकार (एसडीआर) बास्केट में आरएमबी को शामिल करने की प्रक्रिया को आईएमएफ सितंबर 2016 तक के लिए टाल सकता है।
आईएमएफ ने मंगलवार को जारी एक रपट में कहा है कि 2010 में एसडीआर बास्केट की आखिरी बार हुई समीक्षा के बाद आरएमबी का अंतर्राष्ट्रीय उपयोग काफी बढ़ा है।
रपट में कहा गया है, “अन्य मुद्राओं में विशेष बदलाव नहीं आया है, जिससे पता चलता है कि आखिरी समीक्षा के बाद आरएमबी के अंतर्राष्ट्रीय उपयोग में हुई वृद्धि एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है।” रपट में वर्षात तक समीक्षा किए जाने का भी जिक्र है।
आरएमबी के अंतर्राष्ट्रीय उपयोग के आधार पर आईएमएफ यह तय करेगा कि आरएमबी का उपयोग खुलकर हो रहा है या नहीं, जो एसडीआर में इसे शामिल करने के लिए एक जरूरी शर्त है।
2010 में हुई समीक्षा में आरएमबी निर्यात की शर्त पर खरा उतरा था, लेकिन खुल कर उपयोग होने की शर्त पर खरा नहीं उतरा था।
रपट में हालांकि ऐसा कोई संकेत नहीं दिया गया है कि आरएमबी को इस साल के अंत तक एसडीआर में शामिल कर लिया जाएगा।
आईएमएफ हर पांच साल पर एसडीआर बास्केट की मुद्राओं की समीक्षा करता है और बास्केट में आरएमबी को शामिल करना है या नहीं यह इस साल की समीक्षा में एक प्रमुख मुद्दा होगा।