ऐसा इसलिए था क्योंकि उस दिन वहां पर अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी दिवस मनाया जा रहा था| हिन्दी भाषा और साहित्य के इस पर्व में हिस्सा लेने के लिए रूसी भारत-विद, हिन्दी सीख रहे छात्र एवं विद्यार्थी वहां एकत्रित हुए थे|
मॉस्को के स्कूल नंबर19में आधी सदी से अधिक समय से हिन्दी पढ़ाई जा रही है| स्कूल समाप्ति के बाद इस स्कूल के कई विद्यार्थी भारत के साथ नाता जोड़े हुए हैं| उनमें हिन्दी भाषा के दुभाषिए हैं, राजनयिक हैं और भारतीय विषय पर कार्यरत पत्रकार हैं| आज इस स्कूल में हिन्दी पढ़ रहे छात्र बड़े प्यार, रूचि और लगन से उसका अध्ययन करते हैं| उनकी प्रस्तुति देख कर यह एकदम स्पष्ट हो जाता है| समारोह के दौरान स्कूल के10विद्यार्थियों ने लोक कथाओं के नायक बीरबल की मजेदार कहानियों प्रस्तुत कीं| उनका प्रदर्शन देखकर समारोह के सभी लोगों के चहरे पर मुस्कान आ गयी और लोगों ने ज़ोरदार तालियों से बच्चों की हौसलाअफजाई की|
मॉस्को में भारतीय दूतावास के उप-प्रमुख संदीप आर्या ने समारोह में बोलते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी दिवस को समर्पित समारोह में भारतीयों के साथ साथ इतनी बड़ी संख्या में रूसियों को यहाँ उपस्थित देख हमें बहुत प्रसन्नता हो रही है| संदीप आर्या आगे कहते हैं:
हिन्दी दिवस कई भारतीयों के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है| न केवल भारत में बल्कि दुनिया के कई कोनों में एक अरब से अधिक लोग यह भाषा बोलते हैं| हम हिन्दी सीखने के अवसर बढाना चाहते हैं| हम हिन्दी साहित्य में दिलचस्पी रखने वालों का परिचय हिन्दी साहित्य से कराने तथा हिन्दी भाषा की फिल्मों से कराने का प्रयास करते हैं| रूसी युवा वर्ग मॉस्को के हमारे सांस्कृतिक केंद्र में, मॉस्को एवं अन्य शहरों के कई शिक्षा संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों में हिन्दी भाषा का अध्ययन करता है| हम इस बात की सराहना करते हैं|
भारतीय परिधानों में सजे मॉस्को के सांस्कृतिक केंद्र के छात्रों ने महाकाव्य के कई दृश्य प्रस्तुत किये| उन्होंने स्वरचित कविताओं का भी पाठ किया| प्रस्तुत है अलेक्सांद्रा ज़िनोव्येवा द्वारा अपनी प्रेम कविता का पाठ:
रूसी युवा वर्ग हिन्दी समकालीन कविता से भी परिचित है| तास एजेंसी में बतौर पत्रकार काम शुरू कर रहीं एकातेरीना गुद्कोवा को प्रसिद्ध कवि केदारनाथ सिन्हा की कवितायेँ बहुत पसंद हैं| प्रस्तुत है उनके द्वारा एक कविता का पाठ:
मॉस्को सांस्कृतिक केंद्र में हिन्दी के शिक्षक गुलाब सिंह अपने छात्रों से संतुष्ट हैं| वह कहते हैं:
और मॉस्को के स्कूल नंबर19के अध्यापक सफार्मो बताते हैं कि हम हिन्दी सीख रहे अपने छात्रों को पहले दिन से ही भारत के इतिहास, भूगोल, उसके आकर्षक स्थलों, उसके नायकों एवं महान साहित्यकारों के बारे में बताते हैं| भारत के प्रति प्रेम और दिलचस्पी हमारे छात्रों के साथ आजीवन बनी रहती है|
मॉस्को में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय हिदी दिवस के बारे में यह लेख समाप्त करते हुए प्रस्तुत करते हैं गंगा पर एक कविता, जिसे पांचवी कक्षा की छात्रा अलीना कोलागुनवा प्रस्तुत कर रही हैं| दिखने में छोटी और अत्याधिक नाज़ुक इस छात्रा ने यह कविता भावों के अद्भुत उत्तर चढ़ाव एवं एक विशेष मनोदशा के साथ प्रस्तुत की| श्रोताओं ने बहुत लम्बे समय तक तालियाँ बजाकर उसकी वाहवाही की|
रेडिओ रूस से