नई दिल्ली, 18 सितम्बर (आईएएनएस)। रीन्यूएबल एनर्जी इंडिया एक्सपो (आरईआई) यानी नवीकरणीय ऊर्जा मेला ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर में मंगलवार से शुरू हो गया, जिसमें 45 देशों से 750 कंपनियां अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर रही हैं।
यूबीएम इंडिया द्वारा आयोजित तीन दिनों तक चलनेवाले इस मेले में कई संगोष्ठी सत्र का भी आयोजन किया जा रहा है, जिसमें इस सेक्टर से जुड़े इनोवेशन्स, चुनौतियों, आधुनिक रुझानों पर परिचर्चा की जाएगी। इसमें 1000 से अधिक प्रतिनिधि, 225 से अधिक प्रवक्ता एक्सपो में हिस्सा लेंगे, 37 सम्मेलन सत्रों का आयोजन किया जाएगा।
आयोजक की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि आरईआई का 2018 संस्करण अन्तर्राष्ट्रीय भागीदारी एवं अन्तर्राष्ट्रीय निवेश को आकर्षित करेगा।
बयान के अनुसार, इस एक्सपो में भाग लेनेवाली यूरोपीय संघ और भारतीय कंपनियों में क्लीन एनर्जी एण्ड क्लाइमेट डेज एण्ड बिजनेस बियॉण्ड बॉर्डर्स (बीबीबी), राष्ट्रीय कौशल विकास निगम, स्किल काउन्सिल फॉर ग्रीन जॉब्स, यूरोपियन बिजनेस टेक्नोलॉजी सेंटर, यूरो चैम्बर्स, ब्लूमबर्ग न्यू एनर्जी फाइनेन्स, ब्रिज टू इण्डिया, वल्र्ड बिजनेस काउन्सिल फॉर सस्टेनेबल डेवपलमेंट, इंडो-जर्मन एनर्जी फोरम, सोलर एनर्जी रीसर्च इन्स्टीट्यूट ऑॅफ सिंगापुर, एशियन फोटो वोल्टिक इंडस्ट्री एसोसिएशन, टीएफई कन्सल्टिंग जीएमबीएच, पीवी मैगजीन और इंडियन बायोगैस एसोसिएशन एंड जर्मन बायोगैस एसोसिएशन प्रमुख हैं।
बयान में यूबीएम इंडिया के प्रबंध निदेशक योगेश मुद्रास ने कहा, “भारत का नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र चीन के बाद दुनिया का सबसे आकर्षक बाजार है। इसने 2022 तक 2,25,000 मेगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य तय किया है। पिछले साल के दौरान देश ने पारम्परिक स्रोतों की तुलना में नवीकरणीय स्रोतों से ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाया है।”
मुद्रास ने कहा, “दुनिया के 10 सबसे बड़े सोलर पार्कों में से आधे सोलर पार्क भारत में निमार्णाधीन हैं। ये सभी प्रयास अन्तर्राष्ट्रीय निवेश को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। हालांकि देश में स्वच्छ ऊर्जा उद्योग में कई चुनौतियां हैं। जबरदस्त प्रतियोगिता, मोड्यूल कीमतों में बढ़ोतरी, जीएसटी रोल-आउट, कच्चे माल पर एंटी-डम्पिंग ड्यूटी आदि के कारण कई परियोजनाएं अव्यवहारिक हो गई हैं।”
बयान के अनुसार, एक्स्पो के पहले दिन ‘एक्सलेरेटिंग मोमेंटम फ्रॉम एंबिशन टू एक्शन’ विषय पर विशेष सत्र, कार्यशाला एवं समूह चर्चा आयोजित की गई।