नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने माना है कि अमेठी में राहुल गांधी ने नियमों का उल्लंघन किया है। गुरूवार को मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने कहा कि अमेठी में वोटिंग के दिन कांग्रेस उम्मीदवार राहुल गांधी तीन पोलिंग बूथ पर मौजूद होने संबंधी रिपोर्ट मैटर ऑफ फैक्ट हैं। मामले की जांच मतदान की निजता से संबंधित कानून के हिसाब से की जाएगी। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल अगर निजता भंग करने के दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें तीन महीने की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। चुनाव आयुक्त एचएस ब्रम्हा ने कहा कि कोई ग्रे एरिया नहीं है। राहुल गांधी स्पष्ट रूप से वोटिंग कंपार्टमेंट में खडे देखे गए और उन्होंने नियमों का उल्लंघन किया है।
इसमें कुछ भी लुका-छुपा नहीं है। वह वोटिंग कंपार्टमेंट के भीतर खडे दिखाई दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग को अमेठी के रिटर्निग ऑफिसर से रिपोर्ट मिल गई है और इस पर शुक्रवार को विचार किया जाएगा। लेकिन राहुल गांधी के खिलाफ होने वाली कार्रवाई इस बात पर निर्भर करेगी कि जब वह वोटिंग कंपार्टमेंट के अंदर थे, तब क्या वहां कोई वोट डाल रहा है। चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, जनप्रतिनिधित्व की धारा 128 के तहत वोटिंग की निजता का मामला विशेषकर चुनाव अधिकारियों, एजेंटों और वोटिंग की गिनती की रिकॉर्डिग से जुडे व्यक्ति पर निर्भर है। इस प्रावधान के उल्लंघन पर तीन महीने की जेल या जुर्माना या फि दोनों हो सकते हैं। एक अधिकारी ने कहा कि हो सकता है कि राहुल गांधी ने सीधे-सीधे इस कानून का उल्लंघन न किया हो।
उम्मीदवार पर सीधे-सीधे इस प्रावधान में मामला बनता नहीं है। अगर किसी वोटर की निजता का उल्लंघन हुआ है तो वह शिकायत कर सकता है। इस मामले में चुनाव आयोग तुरंत प्रभाव से संबंधित पीठासीन अधिकारियों को निलंबित कर सकता है। चुनाव नियमों के उल्लंघन और डयूटी का पालन नहीं करने को लेकर चुनाव आयोग पीठासीन अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए संबंधित विभागों को कह सकता है।
नियमों के मुताबिक यह पीठासीन अधिकारी की जिम्मेदारी है कि वह यह सुनिश्चित करें कि जहां ईवीएम रखी गई है वहां वोटर के अलावा कोई मौजूद न रहे। राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई इस बात पर निर्भर करती है कि वोटिंग के दिन जब मतदाता वोट डाल रहा था तब वह ईवीएम के पास मौजूद थे या नहीं।