देहरादून-उत्तराखंड के इतिहासकार डॉ. यशवंत कठोच को सोमवार को नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्मश्री से सम्मानित किया। यशवंत कठोच का शिक्षा में अहम योगदान रहा है। डॉ. यशवंत कठोच को भारतीय संस्कृति, इतिहास, पुरात्व शोध के कार्यों के लिए पद्मश्री से नवाजा गया है।
वह उत्तराखंड शोध संस्थान के संस्थापक सदस्य हैं। इस संस्थान की स्थापना 1973 में की गई थी। डॉ. कठोच ने मध्य हिमालय की कला- एक वास्तु शात्रीय अध्ययन, मध्य हिमालय का पुरातत्व, संस्कृति के पदचिन्ह, सिंह भारती और उत्तराखंड की सैन्य परंपरा समेत एक दर्जन पुस्तकें लिखी हैं।
उत्तराखंड और यहां की संस्कृति के साथ ही मध्य हिमालय में रुचि रखने वालों के लिए उनकी किताबें मार्गदर्शक का काम करती हैं। अभी वो मध्य हिमालय के पुराभिलेख और इतिहास तथा संस्कृति पर निबंध जैसी रचनाओं को पूर्ण करने का काम कर रहे हैं।
डॉ. कठोच पौड़ी जिले के रहने वाले हैं। उनका जन्म 27 दिसंबर 1935 में एकेश्वर विकासखंड में मासौ गांव में हुआ था। उन्होंने कई साल तक शिक्षा के क्षेत्र में प्रधानाचार्य के रूप में सेवाएं दी। उन्होंने कई शोध कार्य भी किए हैं।
पुरातत्व के क्षेत्र में यशवंत कठोच का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। डॉ. कठोच ने 1974 में आगरा विवि से इतिहास की पढ़ाई की थी। 1978 में उन्होंने हेमवती नंदन बहुगुणा विवि में शोध ग्रंथ सब्मिट किया। इसके बाद उन्हें डीफिल की उपाधि मिली।