नई दिल्ली, 4 सितंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति भवन में पहली बार ओणम महोत्सव मनाया गया। करीब 70 कलाकारों ने एक घंटे लंबे सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रदर्शन किया। इसकी शुरुआत ‘वाद्यमंजरी’ से हुई। इस सामूहिक ताल वाद्य को दिल्ली पंचवाद्य ट्रस्ट ने प्रस्तुत किया। उसके बाद डॉ. जयप्रभा मेनन और उनकी टीम ने केरल की शास्त्रीय नृत्य शैली मोहिनीअट्टम का प्रदर्शन किया।
केरल कलामंडलम के कलाकारों ने कथकली प्रस्तुत किया। गिरिजा चंद्रन ने मयूर नृथम, केरल नटनम, मरगमकली ओप्पना, तिरुवथिराकली और थेय्यम सहित अनेक मंचीय कला के एक सम्मिश्रण की कोरियाग्राफी की। इसके साथ ही प्रभा वर्मा ने लिखित गीत और मैथ्यू टी इट्टी के संगीत पर केरल के मार्शल आर्ट कलरीपायट्टु का भी प्रदर्शन किया। इट्टी ने ही इस शो का निर्माण और निर्देशन भी किया था।
त्योहार के दौरान मेहमानों का स्वागत एक भव्य दावत ‘ओनासाद्या’ से भी किया गया।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने केरल सरकार द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में ओणम त्योहार के दृश्यों, आभास और रंगों के साथ ओणम त्योहार को मनाया।
शनिवार को ‘कैराली’ शीर्षक वाले ओणम संध्या ने केरल की अनूठी कला रूपों की विविधता की एक झलक प्रदान की, जिसके तहत इस धर्मनिरपेक्ष त्योहार की सदियों पुरानी विविधता में एकता के विचार की प्रबलित भावना को प्रदर्शित किया गया।
राष्ट्रपति भवन की ‘इंद्र धनुष’ सांस्कृतिक श्रृंखला के साथ साझेदारी में केरल के पर्यटन विभाग के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, केरल के राज्यपाल पी. सदाशिवम, केरल के मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी ए. सी. मोइदीन, ई. चंद्रशेखरन, कडन्नापल्ली रामचंद्रन, ए. के. ससिंद्रन, के. के. शैलजा, जे. मसीर्कुट्टी अम्मा और के. टी. जलील, सांसदों, राज्य और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ खाड़ी देशों के राजदूतों सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन ने कहा, “ओणम त्योहार जाति, धर्म और सामाजिक स्थिति की बाधाओं से परे है। यह एक धर्मनिरपेक्ष त्योहार है जो सभी के द्वारा मनाया जाता है। ओणम हमें प्रेम, भाईचारा, शांति और सद्भाव की भावना की हर साल याद दिलाता है।”
राष्ट्रपति भवन में पहली बार राज्य के नेतृत्व वाले ओणम समारोह को लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले राष्ट्रपति के प्रेस सचिव वेणु राजामणि ने सभी का स्वागत किया।