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 राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से कहा : मुझे मुखर्जी सर कहें (लीड-1) | dharmpath.com

Sunday , 24 November 2024

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राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से कहा : मुझे मुखर्जी सर कहें (लीड-1)

नई दिल्ली, 4 सितम्बर (आईएएनएस)। “मैं आप लोगों का महज मुखर्जी सर हूं। फिलहाल मैं भारत का राष्ट्रपति या राजनेता नहीं हूं। मुझे खुशी होगी अगर आप लोग मुझे मुखर्जी सर कह कर बुलाएंगे।” राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को स्कूली बच्चों से कुछ इसी अंदाज में बात की।

काफी खुश दिख रहे राष्ट्रपति ने शिक्षक दिवस से एक दिन पहले राष्ट्रपति एस्टेट के भीतर स्थित सर्वोदय विद्यालय स्कूल में विद्यार्थियों के साथ बातचीत की। उन्होंने देश के आजादी के बाद के राजनैतिक इतिहास के बारे में बताया और बीच में विद्यार्थियों से पूछा कि वे उनके व्याख्यान से ऊबे तो नहीं।

विद्यार्थियों ने इसका ना में जवाब दिया।

प्रणब मुखर्जी ने आजादी से पहले बंगाल में पड़े अकाल से लेकर उदारीकरण के बाद जन लोकपाल के लिए अन्ना हजारे के आंदोलन तक की चर्चा की। अपने एक घंटे की बातचीत में राष्ट्रपति ने अपने बचपन की यादों को भी बच्चों के साथ साझा किया। उन्हें बताया कि वह अपने गांव के कीचड़ से सने खेतों से होते हुए कैसे स्कूल तक जाते थे।

उन्होंने कहा, “जब कभी मैं अपनी मां से कहता था कि पांच किलोमीटर पैदल चलकर जाना और पांच किलोमीटर चलकर आना बहुत मुश्किल है तो वह कहती थीं कि कोई और चारा नहीं है। तुम्हें यह करना ही होगा।”

बच्चों ने उनसे पूछा कि आपके जीवन पर सबसे ज्यादा प्रभाव किस का पड़ा। राष्ट्रपति ने कहा दो लोगों का। एक तो उनकी मां और दूसरे उन्हें अंग्रेजी पढ़ाने वाले प्रधानाचार्य का।

प्रणब मुखर्जी को उनकी अच्छी याददाश्त के लिए जाना जाता है। उन्होंने इसका श्रेय अपनी मां को दिया। बताया कि मां उनसे कहती थी कि दिन भर बातों को याद कर उन्हें बताओ।

मुखर्जी ने कहा, “आखिरी बार मैंने 1968 में पढ़ाया था। तब तो तुम लोगों में से ज्यादातर पैदा भी नहीं हुए होगे।”

राष्ट्रपति ने मजाकिया अंदाज में कहा कि उनके अंदर का शिक्षक संसद में भाषण देने के दौरान जाग जाता था। कई बार लगता था कि वह सांसदों को लेक्चर दे रहे हैं।

उन्होंने बच्चों के सवालों का जवाब भी दिया।

उनसे पूछा गया कि वह किशोरावस्था की समस्याओं से किस तरह उबरे। राष्ट्रपति ने कहा कि देश की बुनियादी समस्या गरीबी है, कुछ और नहीं।

एक छात्र ने पूछा कि क्या उनके माता-पिता कहते थे कि अगर वह अपने संगीत के शौक के पीछे पड़े रहेंगे तो उन्हें नौकरी नहीं मिलेगी। राष्ट्रपति ने कहा, “हां, यह कुछ हद तक सही है।”

प्रणब मुखर्जी का जन्म 1935 में पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के मिराती गांव में हुआ था। उनके पिता स्वतंत्रता सेनानी थे और कई बार जेल गए थे।

मुखर्जी ने कोलकाता विश्वविद्यालय से इतिहास, राजनीति विज्ञान में मास्टर्स डिग्री और कानून की डिग्री हासिल की। 1969 में राजनीति में आने के पहले उन्होंने एक कॉलेज में शिक्षक की भूमिका निभाई।

राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से कहा : मुझे मुखर्जी सर कहें (लीड-1) Reviewed by on . नई दिल्ली, 4 सितम्बर (आईएएनएस)। "मैं आप लोगों का महज मुखर्जी सर हूं। फिलहाल मैं भारत का राष्ट्रपति या राजनेता नहीं हूं। मुझे खुशी होगी अगर आप लोग मुझे मुखर्जी स नई दिल्ली, 4 सितम्बर (आईएएनएस)। "मैं आप लोगों का महज मुखर्जी सर हूं। फिलहाल मैं भारत का राष्ट्रपति या राजनेता नहीं हूं। मुझे खुशी होगी अगर आप लोग मुझे मुखर्जी स Rating:
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