नई दिल्ली, 8 जून (आईएएनएस)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में ब्रेल लिपि में योग पुस्तिका ‘योगिकास्पर्श’ का विमोचन किया। पुस्तिका की लेखिका निवेदिता जोशी हैं।
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि योग एक कला, विज्ञान और दर्शन है, जो शारीरिक ऊर्जा, दिमाग और आत्मा के साथ जुड़ने और आत्म का अनुभव करने में सहायक होता है।
मुखर्जी ने आगे कहा, “ऐसा इसलिए है कि शायद योग ही है, जो व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक, नैतिक और आध्यात्मिक खुशहाली का संपूर्ण उत्तर है।”
राष्ट्रपति ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के मुताबिक योग न सिर्फ तनाव कम करता है, बल्कि इसके कई दीर्घकालिक और फायदेमंद प्रभाव भी हैं। नियमित रूप से योगाभ्यास करने से न सिर्फ चित्त शांत रहता है, बल्कि इससे उत्कृष्टतम की ओर बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।”
राष्ट्रपति ने कहा कि योग पुस्तिका का ब्रेल लिपि में प्रकाशन सही दिशा में एक स्वागत योग्य एवं अग्रणी कदम है।
ब्रेल लिपि में योग पुस्तिका की रचना युवा योग प्रशिक्षिका निवेदिता जोशी ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)- दिल्ली के संयोजन से की।
ऐसी उम्मीद की जा रही है कि ब्रेल लिपि में प्रकाशित योग पुस्तिका लाखों नेत्रहीन लोगों को योग सीखने और अभ्यास करने में सहायक होगी।
निवेदिता जोशी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी की पुत्री हैं, जिन्होंने योगाभ्यास के माध्यम से एक गंभीर बीमारी से निजात पाई और बाद में योग प्रशिक्षिका बनकर अपना जीवन योग के लिए समर्पित कर दिया।