नई दिल्ली, 23 फरवरी (आईएएनएस)। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस नेता अश्विनी कुमार ने मंगलवार को कहा कि संसद के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन के दौरान राष्ट्रपति का अभिभाषण बहुत ही नीरस और दिशाहीन रहा।
कुमार ने संसद के संयुक्त अधिवेशन के बाद आईएएनएस को बताया, “राष्ट्रपति का अभिभाषण बिल्कुल दिशाहीन था। इसमें कुछ भी नया या प्रेरणादायक नहीं था।”
उन्होंने इस पर भी निराशा जाहिर की कि राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) विवाद जैसे ज्वलंत मुद्दों को तव्वजो नहीं दी।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को बजट सत्र का आगाज करते हुए संसद के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित किया। यह अभिभाषण केंद्र सरकार ने तैयार किया था।
कुमार ने कहा, “मैं बहुत निराश हूं, क्योंकि राष्ट्रपति ने जेएनयू विवाद या हैदराबाद विश्वविद्यालय के दलित छात्र की आत्महत्या जैसे ज्वलंत मुद्दों को छुआ तक नहीं।”
उन्होंने कहा कि सरकार ने बजट सत्र से पहले कुछ नया न पेश कर अपनी ‘अयोग्यता साबित कर दी।’
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कुमार के दावे का यह कहते हुए खंडन किया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार का फलसफा ‘सबका साथ, सबका विकास’ है। उन्होंने कहा कि देश मौजूदा सरकार के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है।
नायडू ने आईएएनएस को बताया, “आज राष्ट्रपति के अभिभाषण में सरकार की दिशा और उसकी नीतियों की घोषणा की गई..हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।”