लखनऊ/अयोध्या: उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी (आप) और समाजवादी पार्टी (सपा) के दो नेताओं अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है. हालांकि राम मंदिर ट्रस्ट ने इन आरोपों का खंडन किया है.
बीते रविवार को इन नेताओं द्वारा जारी किए गए बिक्री अभिलेखों से संकेत मिलता है कि राम मंदिर ट्रस्ट ने अयोध्या में एक नए राम मंदिर के निर्माण में योगदान करने के लिए उत्सुक लाखों हिंदू भक्तों से एकत्र किए गए दान से मार्च 2021 में खरीदी गई भूमि के एक भूखंड के लिए एक बढ़ी हुई राशि का भुगतान किया था.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र भारत सरकार द्वारा अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और प्रबंधन के लिए 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बाबरी मस्जिद स्थल पर इसके निर्माण के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद स्थापित 15 सदस्यीय ट्रस्ट है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच फरवरी 2020 को लोकसभा में इस ट्रस्ट के गठन की घोषणा की थी. ट्रस्ट के 15 सदस्यों में से 12 सरकार द्वारा नामित किए गए थे, जबकि पहली बैठक के दौरान तीन अन्य सदस्यों को चुना गया था.
इन सदस्यों में ट्रस्ट के महासचिव और विश्व हिंदू परिषद के नेता चंपत राय भी शामिल हैं, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं.
आम आदमी पार्टी (आप) से राज्यसभा सदस्य एवं पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए उसकी जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कराने की मांग की है.