मुख्यमंत्री अखिलेश मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में केंद्र पुरोनिधानित योजनाओं के परिमेयकरण के लिए गठित मुख्यमंत्रियों के उपसमूह की चतुर्थ बैठक में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि चौदहवें वित्त आयोग की रिपोर्ट के आधार पर केंद्र से राज्यों के हस्तांतरण को हालांकि 32 से 42 प्रतिशत बढ़ाया गया है, लेकिन फॉरेस्ट कवर को अत्यधिक महत्व दिए जाने की वजह से उत्तर प्रदेश को नुकसान हुआ है और एक अनुमान के आधार पर राज्य को 9,000 करोड़ रुपये इस फार्मूले के लागू होने की वजह से कम प्राप्त होंगे।
अखिलेश ने कहा कि बजट 2015-16 में केंद्रीय योजनाओं में केंद्रांश परिवर्तन एवं और कुछ अन्य योजनाओं में बजट व्यवस्था न होने की वजह से उत्तर प्रदेश को मिलने वाली धनराशि में करीब 18,257 करोड़ रुपये की कमी अनुमानित है, जो केंद्रीय हस्तांतरण से प्राप्त होने वाली धनराशि की बढ़ोतरी से (7,584 करोड़ रुपये) से कहीं अधिक है। इस तरह से इस सम्पूर्ण प्रक्रिया से उत्तर प्रदेश को कहीं कोई फायदा नहीं हो रहा है, बल्कि मिलने वाली धनराशि में नुकसान हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘कोर ऑफ कोर स्कीम्स’ में कई अन्य योजनाओं को भी शामिल किया जाना चाहिए और उनके वर्तमान वित्त पोषण की व्यवस्था बनाए रखनी चाहिए। वरना चाहे वह किसानों की योजनाएं हों या फिर स्वास्थ्य योजनाएं हो या शिक्षा की योजनाएं हों, सभी कोर सेक्टर की योजनाओं का आकार कम हो जायेगा और राज्य के विकास पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
मुख्यमंत्री अखिलेश ने इस संबंध में अपनी संस्तुति देते हुए कहा कि कम-से-कम कोर सेक्टर की योजनाओं में केंद्र द्वारा उपलब्ध कराए गए संसाधनों में कोई कमी न की जाए। इन सभी योजनाओं को ‘कोर ऑफ कोर स्कीम्स’ में शामिल किया जाए, ताकि राज्य की जनता के प्रति वचनबद्धता पूरी हो सके और प्रधानमंत्री का को-ऑपरेटिव फेडरिलज्म का सिद्धांत वास्तव में साकार हो सके।