नई दिल्ली | केंद्र सरकार नई दिल्ली में स्वतंत्रता संग्राम शहीदों के एक स्मारक का निर्माण करने की तैयारी कर रही है और सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को अपनी राजधानियों में भी ऐसे ही स्मारक बनाने के लिए पत्र भेज रही है। गृह मंत्रालय से जारी बयान के अनुसार गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने गुरुवार को पोर्ट ब्लेयर में कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्मारक निर्माण पर जोर देते हुए पहले ही एक पत्र संस्कृति मंत्रालय को भेजा है। अंडमान-निकोबार द्वीप समूह की राजधानी में प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानियों की नवगठित समिति की पहली बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के कल्याण के लिए केंद्र हर संभव कदम उठाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार आपात स्थिति में केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के साथ असंबद्ध अस्पतालों सहित निजी अस्पतालों में इलाज करवा रहे स्वतंत्रता सेनानियों का चिकित्सा खर्च अदा करने के लिए सहमत है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि खर्च की अदायगी सीजीएचएस की दरों के अनुरूप की जाएगी और इलाज के पूरे खर्च की अदायगी की मांग की स्थिति में सीजीएचएस तकनीकी स्थायी समिति द्वारा जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानियों और उनकी पारिवारिक पेंशन में पहली बार महंगाई राहत को बढ़ाया गया है।
गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव और प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानियों की समिति के सदस्य सचिव केके पाठक ने कहा कि दिल्ली में वयोवृद्ध सेनानियों के लिए रास्ते में ठहरने के लिए विश्राम गृह का निर्माण किया गया है, जहां पर वे 15 दिन तक नि: शुल्क ठहर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि विश्राम गृह में मरम्मत कराई जा रही है और आधुनिक सुविधाओं के साजो-सामान लगाए जा रहे हैं। रेलवे को स्वतंत्रता सेनानियों को सबसे नीचे की बर्थ देने में प्राथमिकता देने को कहा गया है और 7वां वेतन आयोग उनके मासिक मानदेय और पारिवारिक पेंशन बढ़ाने की मांग पर विचार करेगा।
वयोवृद्ध सेनानियों की समिति में पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब और आंध्र प्रदेश से 8 प्रतिनिधि शामिल हैं। समिति का कार्यकाल 2 वर्ष का है और बारी बारी से सभी राज्यों को इसमें प्रतिनिधित्व का अवसर दिया जाएगा। आमतौर पर समिति की बैठक वर्ष में दो बार होती है।