नई दिल्ली, 30 अप्रैल (आईएएनएस)। योगगुरु स्वामी रामदेव के औषधालयों में पुत्र पैदा करने की दवा ‘दिव्य पुत्रजीवक’ बेचे जाने का मुद्दा गुरुवार को राज्यसभा में उठाया गया। इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ।
रामदेव के सहयोगी एस.के. तिजारावाला ने एक बयान में कहा, “पुत्रजीवक एक वर्गीकृत नाम है, जो बांझपन के इलाज से संबंधित है न कि लिंग निर्धारण से।”
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही इस मुद्दे को जनता दल-युनाइटेड (जद-यू) के सदस्य के.सी. त्यागी ने उठाया और जांच की मांग की।
त्यागी ने दिव्य फार्मेसी (हरियाणा) के उत्पाद ‘दिव्य पुत्रजीवक’ दिखाते हुए कहा, “प्रधानमंत्री ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का आह्वान किया है और बाबा रामदेव बेटी नहीं, बेटा पैदा करने पर जोर दे रहे हैं, इसके लिए दवा बनाकर बेच रहे हैं, यह कैसा विरोधाभास है।”
उन्होंने कहा, “मैंने इसे आप लोगों को दिखाने के लिए खरीदा है और इसकी रसीद भी लाया हूं। कोई इसे पुराना माल नहीं कह सकता।”
दिव्य फार्मेसी रामदेव की दवाएं बेचती है। त्यागी ने रामदेव का नाम नहीं लिया, लेकिन कहा, “वह एक राज्य के ब्रांड एंबेस्डर हैं।”
त्यागी ने कहा, “क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने बाबा रामदेव को ऐसी चीजें बेचने की स्वीकृति दी है?”
इसी बीच, सत्ता पक्ष के विरोध के बीच उनसे दवा का पैकेट समाजवादी पार्टी (सपा) की सदस्य जया बच्चन ने ले लिया और सदन में मौजूद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा के हाथ में रख दिया।
उपाध्यक्ष पी.जे. कुरियन ने कहा, “हमें इस पर विवाद करने की जरूरत नहीं है। यदि किसी दवा के माध्यम से लिंग का निर्धारण या जन्मपूर्व लिंग जानने का प्रयास किया जाता है, तो वह कानून के खिलाफ है और यदि इसे किसी राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहित किया जाता है, तो संविधान के खिलाफ है। लेकिन इस मामले में सदन का अध्यक्ष या उपाध्यक्ष कुछ नहीं कर सकता।”
संसदीय मामलों के केंद्रीय राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, “यह मुद्दा चर्चा लायक नहीं है। हम मंत्री जी से आग्रह करेंगे कि वह जांच कराएं कि ऐसी दवा बनाना या बेचना कानून के खिलाफ है या नहीं।”
मंत्री नड्डा ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, “यह मामला आयुष (आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, सिद्धा तथा होमियोपैथी) विभाग से संबंधित है। सरकार मामले को लेकर गंभीर है। हम इस मामले को देखेंगे और कार्रवाई करेंगे।”
जया बच्चन ने कहा कि सरकार यह आश्वासन दे कि वह ऐसी दवाओं को बाजार से हटाएगी और इसका निर्माण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
नड्डा ने फिर कहा कि प्रधानमंत्री ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना को व्यक्तिगत रूप से देख रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि बाजार में कई तरह की भ्रामक दवाएं बेची जा रही हैं। इस पर स्वास्थ्य मंत्री को कार्रवाई करनी चाहिए।
पतंजलि योगपीठ ने बाद में एक बयान जारी कर कहा कि सदस्य जानकारी व व्यक्तिगत हितों के अभाव में आयुर्वेद को बदनाम कर रहे हैं।
बयान के मुताबिक, “आयुर्वेद में तो सच्चाई यही है कि बांझपन से पीड़ित लोग सदियों से पुत्रजीवक का इस्तेमाल करते आ रहे हैं।”
बयान में कहा गया है, “इस दवा का हिंदी नाम पुत्रवीजक है, जबकि वानस्पतिक नाम पुत्रजीवरोक्सबर्गी है। महर्षि चारक से लेकर सुश्रुत, सभी आयुर्वेद विशेषज्ञों ने इसके बारे में लिखा है। यह महिलाओं को बांझपन से मुक्ति दिलाता है, न कि लिंग के चयन के लिए है।”
उल्लेखनीय है कि दिव्य फार्मेसी की वेबसाइट पर बेटे पैदा करने वाली इस दवा की कीमत 10.99 डॉलर लिखा है। इसके बारे में कहा गया है कि ‘पुत्रजीवक’ एक अनोखा हर्बल उत्पाद है, जो कामोद्दीपक, गर्भपात रोकने वाला और बांझपन मिटाने में मदद करता है।