निर्वाचन आयोग (ईसी) के एक बयान के अनुसार, कुमार ने कहा कि आयोग किसी भी सुधार को लाने में आम सहमति बनाने और परामर्श करने के लंबे समय से चल रहीं पद्धतियों का पालन करेगा तथा सख्त फैसले लेने से भी नहीं हिचकिचाएगा.
राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति पद के चुनाव जुलाई-अगस्त में होने हैं. वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव और कई विधानसभा चुनाव कुमार के कार्यकाल में ही होंगे. उनका कार्यकाल फरवरी, 2025 तक है.
वह एक सितंबर, 2020 से निर्वाचन आयुक्त के तौर पर निर्वाचन आयोग से जुड़े हुए थे. बीते 12 मई को कानून और न्याय मंत्रालय ने नए मुख्य निर्वाचन आयुक्त के तौर पर उनके नाम की घोषणा की थी. कहा गया था कि वह 15 मई को पदभार संभाल लेंगे. उन्होंने सुशील चंद्रा का स्थान लिया है, जो बीते 14 मई को सेवानिवृत्त हो गए.
निर्वाचन आयोग के बयान के अनुसार, सीईसी के तौर पर प्रभार संभालने के बाद कुमार ने कहा कि वह उत्कृष्ट संस्थानों में से एक की अगुवाई करने की जिम्मेदारी दिए जाने से सम्मानित महसूस कर रहे हैं, यह ऐसा संस्थान है, जो हमारे लोकतंत्र को सुदृढ़ करता है.
उन्होंने कहा कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष ढंग से चुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग ने पिछले 70 वर्षों में काफी कुछ किया है, मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित की, कदाचारों को रोका और चुनावों की गुणवत्ता बढ़ाई.
उन्होंने कहा, ‘आयोग कोई भी बड़ा सुधार लाने के लिए आम सहमति बनाने और परामर्श की लंबे समय से चल रही पद्धतियों और लोकतांत्रिक प्रणालियों का पालन करेगा.’
नई दिल्ली: पूर्व वित्त सचिव राजीव कुमार ने रविवार को 25वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) के रूप में प्रभार संभाल लिया और उनकी पहली बड़ी जिम्मेदारी राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव कराना होगी, जो जल्द ही होने वाले हैं.
इसके अलावा राजीव कुमार अपने कार्यकाल के दौरान हिमाचल प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम और जम्मू कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनावों और 2024 के आम चुनावों की भी देखरेख करेंगे.