Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 राजस्थान में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक नीला रंग | dharmpath.com

Friday , 29 November 2024

ब्रेकिंग न्यूज़
Home » भारत » राजस्थान में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक नीला रंग

राजस्थान में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक नीला रंग

अलवर (राजस्थान), 4 मई (आईएएनएस)। राजस्थान में नीला रंग महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है। यह यहां महिलाओं को मैला ढोने की जिंदगी से बाहर निकलने का संकेत है।

अलवर (राजस्थान), 4 मई (आईएएनएस)। राजस्थान में नीला रंग महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है। यह यहां महिलाओं को मैला ढोने की जिंदगी से बाहर निकलने का संकेत है।

40 वर्षीय संतोष अटवाल, बन्नो सैनी (33) और इन जैसी कई अन्य दलित महिलाएं अपने पूर्वजों के नक्शे कदम पर चलते हुए मैला ढोने का काम करती थीं। सुबह सूखी मिट्टी ले जाकर, शौचालयों की सफाई करना, नालियां और गटर साफ करना और बदले में समाजिक तिरस्कार और उपेक्षा का सामना करना। इनकी जिंदगी इसी के इर्द-गिर्द घूमकर रह जाती थी।

हालांकि, एक गैर सरकारी संगठन की विशेष पहल से यहां के बाल्मीकि समुदाय की महिलाओं को नया जीवन मिला। इस संगठन की मदद के साथ आज ये महिलाएं खाद्य वस्तुएं तैयार करने के काम में व्यस्त हैं। उनके लिए सिर्फ जात-पात के बंधन ही नहीं टूटे हैं, बल्कि वे समाज की नजरों में अपने लिए सम्मान का भाव लाने में भी सफल रही हैं। इसका श्रेय एनजीओ ‘सुलभ इंटरनेशनल’ को जाता है। यह एनजीओ प्रशिक्षण के जरिए मानवाधिकारों, पर्यावरणीय स्वच्छता और सामाजिक सुधारों को बढ़ावा देता है।

इस केंद्र की पोशाक नीली साड़ी है। 105 महिलाओं का समूह नीली साड़ी पहने हर सुबह छह बजे ‘नई दिशा’ पहुंच जाता है। इस शहर में ‘सुलभ इंटरनेशनल’ द्वारा शुरू किया गया नई दिशा एक व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र है।

इस पहल के तहत, ये पापड़, नूडल्स, अचार और कई अन्य घरेलू खाद्य सामान बनाने का काम करती हैं। इनके द्वारा तैयार किए गए उत्पाद दिल्ली, चंडीगढ़ और अहमदाबाद में भी उपलब्ध हैं।

सैनी ने आईएएनएस को बताया, “जब हमने 2003 में यहां काम करना शुरू किया तो इस तरह की सफलता की हम उम्मीद नहीं कर सकते थे। स्वयं की उच्च जाति के लोगों से तुलना करना हमारे लिए असंभव था। लेकिन सुलभ ने यह सब आसान बनाया।”

सैनी ने कहा, “हमारे समुदाय की अधिक से अधिक महिलाएं हमसे जुड़ना चाहती हैं, ताकि ये भी यहां काम कर सशक्त बन सकें।” सैनी ने केंद्र पर अंग्रेजी भी बोलना सीखा।

पहले की स्थिति का उल्लेख करते हुए वह कहती हैं, “तिरस्कार से बचने के लिए हमें घूंघट में छिपकर रहना पड़ता था।”

‘नई दिशा’ के प्रभारी राजेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र पर महिलाओं को कढ़ाई, दुल्हन श्रृंगार सहित मेकअप, और साड़ी व जूट बैग बनाने का भी प्रशिक्षण दिया जाता है।

सिंह ने आईएएनएस को बताया, “इस प्रशिक्षण केंद्र में दाखिला लेने के लिए महिलाओं को तैयार करना आसान काम नहीं था। हालांकि ये महिलाएं अपने ऊपर लगे कलंक को धोना चाहती थीं। घर में बने नूडल्स, कपास की गेंदे जैसे कस्बे में नहीं मिलने वाले पदार्थो को उन्हें उपलब्ध कराया गया।

उन्होंने बताया कि शुरुआत में लोगों ने इस पहल का विरोध किया, लेकिन बाद में इसे स्वीकार कर लिया।

इससे जुड़ने के बाद महिलाओं की जिंदगी सिर्फ सामाजिक रूप से ही नहीं, बल्कि आर्थिक रूप से भी बदल गई है।

राजस्थान में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक नीला रंग Reviewed by on . अलवर (राजस्थान), 4 मई (आईएएनएस)। राजस्थान में नीला रंग महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है। यह यहां महिलाओं को मैला ढोने की जिंदगी से बाहर निकलने का संकेत है।अलवर (राज अलवर (राजस्थान), 4 मई (आईएएनएस)। राजस्थान में नीला रंग महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है। यह यहां महिलाओं को मैला ढोने की जिंदगी से बाहर निकलने का संकेत है।अलवर (राज Rating:
scroll to top