जयपुर, 23 फरवरी (आईएएनएस)। राजस्थान के जाट समुदाय ने अपना आंदोलन वापस ले लिया है। राज्य के एक मंत्री ने मंगलवार को इसकी घोषणा की।
आरक्षण के लिए जारी आंदोलन के तीसरे और अंतिम दिन भरतपुर जिले में जाट आंदोलनकारियों ने एक मालगाड़ी के इंजन में आग लगाने की कोशिश की।
राज्य के समाज कल्याण मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने इस आंदोलन के केंद्र भरतपुर में कहा, “वार्ता के बाद जाट आंदोलन वापस ले लिया गया है।” सरकार की ओर से चतुर्वेदी ही जाट नेताओं से बातचीत कर रहे थे।
इस विरोध प्रदर्शन से राज्य की राजधानी जयपुर से 170 किलोमीटर दूर स्थित भरतपुर जिले का सड़क और रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
भरतपुर और धौलपुर जिलों को छोड़कर राजस्थान में जाट अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) में शामिल हैं। अब भरतपुर के जाट भी खुद को ओबीसी में शामिल करने की मांग कर रहे हैं।
चतुर्वेदी और जाट आंदोलनकारी नेताओं की सोमवार की बातचीत नाकाम हो गई थी।
एक पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि प्रदर्शनकारियों ने मुख्य रूप से भरतपुर-मथुरा, जयपुर-आगरा और जिले को विभिन्न शहरों से जोड़ने वाली सड़कों और रेल मार्गो को जाम किया।
भरतपुर में प्रदर्शनकारियों ने संपत्तियों और दुकानों में भी तोड़फोड़ की। खुमेर में उन्होंने दो एटीएम को क्षतिग्रस्त कर दिया।