अनिल सिंह(भोपाल)– गायत्री शक्ति पीठ के मुखिया डॉ प्रणव पंड्या आज भोपाल में थे और उन्होंने पत्रकारों से चर्चा की.चिकित्सा विज्ञान में उपाधि प्राप्त डॉ पंड्या गायत्री परिवार के संस्थापक श्री राम शर्मा के उपरान्त गायत्री परिवार का कार्य भार देखते हैं.
अपने दो दिवसीय अल्प-प्रवास के दौरान इन्होने मप्र के मुख्यमत्री सहित कई गणमान्य व्यक्तियों से मुलाक़ात की एवं प्रमुख अखबार के दफ्तर में भी गए.डॉ पंड्या ने अपनी बातें रखने के बाद पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर दिए.उनका पत्रकारों से उद्बोधन अपनी संस्था के कार्य-क्रमों और अपने परिचय तक ही सीमित दिखा,उन्होंने सामजिक और राजनीतिक प्रश्नों के उत्तर सटीकता से दिए.
डॉ पंड्या ने बताया की गायत्री परिवार के संस्थापक श्री राम शर्मा आचार्य के विचारों को बढ़ाना उनका ध्येय है.गुरुमाता एवं माँ गायत्री ही उनके सिले सब-कुछ हैं.सभी धर्मों,विचारों,जातियों एवं वर्गों के लोगों का युग्म गायत्री परिवार है.स्वस्थ शरीर,स्वस्थ मन एवं स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए कृत-संकल्पित डॉ पंड्या ने कहा की हमें अपने आप को बदलना होगा.हम-बदलेंगे,युग बदलेगा.
शांतिकुंज हरिद्वार में संचालित कार्यक्रमों के बारे में डॉ पंड्या ने विस्तार से बात की.उन्होंने कहा की इसके संचालन हेतु वे सरकार से कोई मदद नहीं लेते.अपने संस्थानों में उनके द्वारा की गयी प्राण-प्रतिष्ठा के सम्बन्ध में भी उन्होंने जानकारी दी.
राजनीति पर पूछे प्रश्न पर डॉ पंड्या बेबाक बोले,उन्होंने बताया की उनके गुरुदेव ने राजनीति में हस्तक्षेप न करने का आदेश दिया था और किसी भी तरह का बयान नहीं देने की हिदायत दी थी.गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग पर उन्होंने कहा की राष्ट्रीय पशु दो भी हो सकते हैं.मप्र के मुख्यमंत्री से डॉ प्रणव पंड्या ने गाय को राज्य-पशु घोषित करने के लिए निवेदन किया है.राजनीति के कीचड में हम जाकर क्या करेंगे और तथा-कथित संत जो जेल में हैं से भी दूर रहने की सलाह डॉ पंड्या ने दी.
डॉ पंड्या ने एक पूछे प्रश्न में कहा की अब भारत हिन्दू प्रधान देश नहीं हो सकता यदि इसे सन 1930 में ही हिन्दू-प्रधान घोषित कर दिया गया होता तो यह हो जाता अब मुश्किल प्रतीत होता है.