इंदौर, 5 जून (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव में राजग को 300 से ज्यादा सीटें मिलने की भविष्यवाणी करने पर निलंबित किए गए मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विक्रम विश्वविद्यालय की ज्योतिष विज्ञान अध्ययनशाला के प्रमुख प्रोफेसर राजेश्वर शास्त्री उर्फ राजू मुसलगांवकर को उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ से राहत मिली है। उनके निलंबन पर अगली सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी गई है।
न्यायालयीन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूíत विवेक रुसिया ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद मंगलवार को मुसलगांवकर के निलंबन से जुड़े आदेश पर अगली सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी।
इसके साथ ही अवकाशकालीन पीठ ने इस मामले में प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारी और विश्वविद्यालय के कुलसचिव को नोटिस जारी करते हुए चार हफ्ते में जवाब मांगा है।
ज्ञात हो कि प्रोफेसर मुसलगांवकर ने अपने फेसबुक खाते पर 28 अप्रैल को पोस्ट किया था, “भारतीय जनता पार्टी 300 के पास और राजग 300 पार।” इस पोस्ट के चर्चाओं में आने के बाद उन्होंने अगले ही दिन क्षमा मांगते हुए फेसबुक से पोस्ट हटा लिया और लिखा था, “मेरे द्वारा ज्योतिषीय आकलन मात्र शास्त्रीय प्रचार की दृष्टि से किया गया था। यदि मेरे प्रयोग से किसी की भावना आहत होती है, तो मैं क्षमा चाहता हूं।”
इस भविष्यवाणी को लेकर कांग्रेस ने निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की थी। इसे लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया था। मुसलगांवकर ने अपने निलंबन को कानूनन गलत बताते हुए इसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी। उसकी मंगलवार को सुनवाई हुई और निलंबन पर रोक लगा दी गई है।