कानपुर, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। कल तक यह चर्चा थी कि जब तक महेंद्र सिंह धौनी के हाथों में एकदिवसीय टीम की कमान है, अजिंक्य रहाणे का अंतिम एकादश में जगह पाना मुश्किल की नहीं नामुमकिन है लेकिन रविवार को ग्रीन पार्क में दक्षिण अफ्रीका के साथ जारी पहले एकदिवसीय मैच के लिए धौनी ने रहाणे को टीम में शामिल कर सबको चौंका दिया।
कानपुर, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। कल तक यह चर्चा थी कि जब तक महेंद्र सिंह धौनी के हाथों में एकदिवसीय टीम की कमान है, अजिंक्य रहाणे का अंतिम एकादश में जगह पाना मुश्किल की नहीं नामुमकिन है लेकिन रविवार को ग्रीन पार्क में दक्षिण अफ्रीका के साथ जारी पहले एकदिवसीय मैच के लिए धौनी ने रहाणे को टीम में शामिल कर सबको चौंका दिया।
धौनी ने मैच पूर्व संवादादाता सम्मेलन में शनिवार को इस बात के पुख्ता संकेत दिए थे कि मौजूदा हालात में रहाणे को टीम में फिट करना मुश्किल है लेकिन रविवार को जब टीम की घोषणा हुई तब रहाणे चौथे नम्बर पर नजर आए। इससे कप्तान के रूप में धौनी की नई सोच का पता चला।
मीडिया ने बीते कुछ समय से इस बात को पुरजोर तरीके से उठाया था कि रहाणे जैसे तीन फारमेट के सफल खिलाड़ी को अंतिम एकादश में जगह नहीं मिल पाना हैरानी की बात है। धौनी ने एक दिन पहले तक रहाणे को टीम में शामिल करने को लेकर असमर्थता जताई थी लेकिन अचानक ही सबकुछ बदल गया।
इसका कारण यह भी हो सकता है कि धौनी कप्तान के रूप में लगातार दूसरी सीरीज नहीं गंवाना चाहते और वह चाहते हैं कि उनकी टीम अपने पूरे सामर्थ के साथ मैदान में उतरे। रहाणे तीनों फारमेट में भारत के लिए बेहद उपयोगी बल्लेबाज और शानदार क्षेत्ररक्षक रहे हैं।
धौनी ने शनिवार को कहा था कि चौथे नम्बर पर रहाणे को उतारना उनकी प्रतिभा के साथ अन्याय होगा क्योंकि वह ऊपर के क्रम के बल्लेबाज हैं। कप्तान ने यह भी कहा था कि वह रहाणे को श्ीर्ष-3 में शामिल करना चाहते हैं लेकिन ऊपर का स्लॉट शिखर धवन, रोहित शर्मा और विराट कोहली के कारण भरा हुआ है, ऐसे में वह रहाणे के लिए टीम में कोई जगह नहीं देखते।
कप्तान ने कहा था कि रहाणे को पांचवें, छठे या सातवें क्रम पर बल्लेबाजी कराना उनकी एक तरह से तौहीन होगी और कप्तान के तौर पर वह इसका पूरा ख्याल रखना चाहेंगे।
बांग्लादेश दौरे के दौरान कप्तान ने यह कहकर रहाणे की आलोचना की थी कि वह स्ट्राइक रोटेट नहीं करते और ऐसे में उनके लिए सिर्फ शीर्ष-3 में ही जगह बनती है लेकिन अभी टॉप स्लाट पूरी तरह बुक है।
इन तमाम बातों के बावजूद रहाणे को अंतिम एकादश में शामिल करना काफी हैरानी की बात है। इससे पता चलता है कि धौनी अब टीम हित में अपने व्यक्तिगत विचारों की तिलांजलि देकर जीत के बारे में अधिक सोच रहे हैं क्योंकि यह सीरीज कप्तान के तौर पर उनकी साख या तो बचा सकती है या पूरी तरह गिरा सकती है।