रोजेदार शाम के समय इफ्तार के वक्त अपना रोजा खजूर खाकर खोलते हैं। मौलाना फजलुर रहमान ने बताया कि इस्लाम में खजूर से रोजा खोलना सुन्नत माना गया है।
दुकानदार रफीक आलम ने बताया कि सऊदी अरब, ओमान से आए खजूर की काफी मांग बाजारों में कई खाड़ी देशों से जैसे सऊदी अरब, ओमान और इसके अलावा टयूनीशिया से आए खजूर की काफी मांग है। इसमें सबसे खास पैगम्बर मोहम्मद के हाथों से लगाए पेड़ के खजूर सबसे महंगे हैं।
रोजेदारों के नमाज पढ़ने के लिए इस साल बाजार में नए-नए डिजाइन की की टोपियां आई हैं। टोपी निमार्ताओं ने डिजाइन के साथ मौसम का भी खास ख्याल रखा है। पुराने शहर के तरह-तरह की टोपियों की दुकानें सजी हैं।
रमजान को लेकर पुराने शहर के बाजार देर रात तक खुल रहे हैं। इससे यहां रात भर रौनक रहती है। 50 रुपये से रुपये से लेकर सात सौ रुपये में टोपियां पुराने शहर के नक्खास, अकबरीगेट, चौक और नजीराबाद आदि क्षेत्रों में नमाज पढ़ने के लिए विभिन्न प्रकार के डिजाइन वाली टोपियां भी बाजार में उपलब्ध हैं। यहां 50 रुपये से रुपये से लेकर सात सौ रुपये में टोपियां हैं।
इस बार गर्मी के मद्देनजर बाजार में महीन जालीदार टोपियां भी लाई गई हैं। इनकी कीमत 50 रुपये से शुरू है। इस साल भी बाजार में चायनीज टोपियां छाई हैं। इसके अलावा दुकानों पर प्लास्टिक की टोपियां भी हैं। ये टोपियां लोग मस्जिदों में रखवाने के लिए खरीदते हैं।
यही नहीं, दरूद शरीफ पढ़ने के लिए तरह-तरह के मोतियों वाली तस्बीहयां भी बाजार में हैं। मोतियों वाली तस्बीह में छोटी सी दूरबीन भी लगी है। इसमें मक्का व मदीना का फोटो है। डिजिटल कुरआन भी लोगों के आकर्षण का केंद्र है। इसके अलावा कई ऐसी भी तस्बीह हैं, जिन पर अल्लाह व मोहम्मद तथा कलमे की सुंदर नक्काशी है।
बाजार में इलेक्ट्रॉनिक व मैनुअल काउंटर तस्बीह भी खूब बिक रही हैं। इसके अलावा नमाज पढ़ने के लिए तरह-तरह की जानमाज भी उपलब्ध हैं। पुराने शहर की दुकानों पर डिजिटल कुरआन भी लोगों के आकर्षण का केंद्र है। इस पर विशेष प्रकार के बने ‘ऑप्टिक पेन’ को स्पर्श करने से यह कुरआन की तिलावत करता है।
नबावों के शहर का माहौल जहां इबादत के चलते खुशनुमा बना हुआ है, वहीं अब जगह-जगह नए-नए कपड़ों और जूतों के अलावा महिला प्रसाधन के सामानों दुकाने भी सजने लगी हैं। नक्खास, चौक, अमीनाबाद, नजीराबाद, मौलवीगंज व आलमबाग के बाजारों में तरह-तरह की सेवइयों की दुकाने लगी हैं।