रमजान में सजे दस्तरख्वान पर अपनी खास जगह रखने वाले खजूर की कई किस्में मॉल से लेकर बाजारों तक में सजी हुई हैं।
मियां जीशान खां चालीस साल से रमजान के दिनों में खजूर की बिक्री करते आए हैं। उनका कहना है कि वैसे तो बाजार में खजूर की कई किस्में उपलब्ध हैं, मगर सबसे ज्यादा मांग कीमिया व ईरानी खजूर की हो रही है। कीमिया खजूर जहां 80 रुपये किलो के भाव मिल रहा है, वहीं कीमिया खजूर 120 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है।
खजूर की बिक्री कर रहे मोहम्मद उम्मेद खान बताते हैं कि खजूर की सैकड़ों किस्म होती हैं। रमजान पर बाजार में करीब सोलह किस्म के खजूर उपलब्ध हैं। इनमें शबानी, खुबानी, शुमरी, कश, तईबा, मगरूम, सगई, अजूबा, हयात आदि की खासी मांग हो रही है। हयात खजूर जहां ढाई सौ रुपये किलो के रेट में मिल रहा है, वहीं अजूबा तीन हजार रुपये किलो की दर पर बिक रहा है।
इस समय रमजान की तैयारियों पर फूड बाजार भी खजूर से सजे हुए हैं। विक्रेता दीपक सिंघल ने बताया कि रोजेदारों के लिए एक तरफ जहां बिना बीज का खजूर रखा गया है, वहीं ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए ‘बाई वन गेट वन’ ऑफर भी चलाया जा रहा है।
खजूर विक्रेता जुनैद, हामिद व दिलदार बताते हैं कि रोजेदारों ने गर्मी व धूप से बचने के लिए कई दिन पहले से ही अपनी पसंद के खजूरों की खरीदारी शुरू कर दी थी। अब रमजान में रोजाना नया माल मंगाया जा रहा है।
रमजान में सहरी करना सुन्नत माना जाता है। ऐसे में खजला, सेवई, फेन, रस व खासे की मांग बढ़ गई है। बाजार भी इन उत्पादों से सजे हुए हैं। सेवई विक्रेता मेराजुद्दीन ने बताया कि रिफाइंड, वनस्पति घी व देसी घी से बनी हुई सेवई व लच्छों की जमकर खरीदारी हो रही है।