चेन्नई, 19 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा सोमवार को आयोजित समारोह में उद्योगपतियों ने धीमी निर्णय प्रक्रिया, कंपनी कानून में संशोधन, काम के घंटों और प्रारूप में बदलाव तथा पाटनरोधी एवं संबद्ध शुल्क महानिदेशालय का विरोधाभासी रवैया जैसे मुद्दे उठाए।
लेकिन समारोह में वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ वार्ता सत्र के दौरान एक छोटे से शहर में रक्षा उपकरण बनाने वाली ‘लैब इलेक्ट्रॉनिक्स’ की शिकायत ने सभी का ध्यान खींचा।
कंपनी के निदेशक के. उदयशंकर ने जेटली से कहा, “कंपनी की एक फाइल रक्षा सचिवालय में अज्ञात कारणों से पिछले 18 महीनों से लंबित पड़ी हुई है। यह फाइल कंपनी द्वारा केरल स्थित भारतीय नौसेना अकादमी को कुछ प्रयोगशाला उपकरणों की आपूर्ति से जुड़ा हुआ है।”
कंपनी शिक्षा के क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उत्पादन करती है।
उदयशंकर ने आईएएनएस से कहा, “भारतीय नौसेना अकादमी ने चार वर्ष पहले इन उपकरणों के लिए निविदा निकाली थी। 2013 में वाणिज्यिक तौर पर बोली शुरू हुई, जिसमें हमने चार प्रयोगशालाओं को ये उपकरण आपूर्ति करने का ठेका हासिल किया।”
उदयशंकर ने बताया कि अकादमी में 35 प्रयोगशालाएं हैं और विभिन्न उपकरणों के लिए निविदाएं निकालते रहते हैं।
उन्होंने कहा, “निविदा की कुल कीमत करीब 60 करोड़ रुपये है।”
जेटली ने इसके जवाब में कहा कि भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम की जद में आने से डर कर नौकरशाह निर्णय नहीं ले रहे हैं और आने वाले अधिकारियों पर छोड़ दे रहे हैं।
जेटली ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में सरकार ने बड़े रक्षा खरीद के मामले का शीघ्रता से निबटारा किया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।