न्यूयार्क, 20 फरवरी (आईएएनएस)। यौन हिंसा की शिकार महिलाओं के दिमाग में परिवर्तन आ जाता है जिससे उनके संतानों की देखभाल करने के मातृत्व व्यवहार में कमी आती है। एक नए अध्ययन से यह जानकारी सामने आई है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि कम उम्र की मादा चूहों के साथ यौन अनुभवी बड़ी उम्र के नर चूहों की जोड़ी बनाई गई तो उनमें तनाव के हार्मोन का स्तर बढ़ गया। उनकी सीखने की क्षमता कम हो गई और संतति की देखभाल वाले मातृत्व व्यवहार में भी कमी देखी गई।
रुटगर्स यूनिवर्सिटीज स्कूल ऑफ आटर्स् एंड साइंसेज के शोधदल के प्रमुख ट्रेसी शोर्स ने कहा, “यह अध्ययन बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि हमें सभी प्रजातियों के यौन व्यवहार को समझने की जरूरत है। हमें यह भी जानने की जरूरत है कि हमारे लिए ऐसे व्यवहार का क्या मतलब है। ताकि यौन हिंसा व आक्रमकता की शिकार महिलाओं को इससे उबरने में मदद कर सकें।”
यह अध्ययन साइंसटिफिक रिपोर्ट्स नाम के जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
जो महिलाएं यौन हिंसा का शिकार हुई होती है उनके अवसाद, पीटीएसडी व अन्य मनोवस्था संबंधी विकार से पीड़ित होने की संभावना ज्यादा होती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया भर में तकरीबन 30 फीसदी महिलाएं अपने जीवन में किसी न किसी प्रकार की शारीरिक या यौन उत्पीड़न का शिकार होती हैं, खासतौर से किशोरावस्था के दौरान वे दुष्कर्म या दुष्कर्म के प्रयास या उत्पीड़न की शिकार ज्यादा होती हैं।