ब्रसेल्स, 19 फरवरी (आईएएनएस)। यूरोपीय संघ (ईयू) के नेताओं ने शुक्रवार को इस बात पर सहमति जताई कि यूरोप में जारी आव्रजन संकट से निपटने के लिए इस बारे में हुए मौजूदा समझौतों को लागू किया जाएगा। नेताओं ने संकट से निपटने के लिए खासकर तुर्की के साथ सहयोग पर जोर दिया।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, नेताओं ने कहा, “यूरोपीय देशों में आव्रजकों के प्रवाह और तस्करों पर रोक लगाने के लिए यूरोपीय संघ और तुर्की की कार्य योजना को शीघ्रता से व पूर्ण रूप से लागू करना प्राथमिकता में बना हुआ है।”
इस कार्य योजना पर तुर्की और यूरोपीय यूनियन के बीच वर्ष 2014 में करार हुआ था। इसके तहत तुर्की यूरोपीय संघ की सीमाओं की शरणार्थियों की बाढ़ से रक्षा करने पर सहमत हुआ था। इसके बदले उसे यूरोपीय संघ को तीन अरब डॉलर देने थे और यूरोपीय संघ का सदस्य बनाने की तुर्की की दावेदारी पर नए सिरे से विचार करना था।
यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जीन क्लॉड जंकर के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यूरोपीय संघ को तुर्की के साथ मार्च में एक विशेष बैठक करनी है।
यूरोपीय संघ के नेताओं ने एजियन सागर के रास्ते अवैध रूप से ईयू में प्रवेश पर निगरानी के लिए नाटो के समर्थन का स्वागत किया है। साथ ही नाटो के सदस्यों का आह्वान किया है कि वे सक्रियता के साथ इस उपाय का समर्थन करें।
इस बैठक में यूरोपीय संघ की सभी संस्थाओं और सभी सदस्य देशों से एकजुट होने का आह्वान किया गया।
टस्क ने कहा, “हमें हर हाल में समस्या के समाधान के विभिन्न तरीकों को मिलाकर देखना होगा। एक विस्तृत यूरोपीय योजना का कोई अच्छा विकल्प नहीं है।”
जंकर ने कहा कि आव्रजन संकट के समाधान के लिए एक संयुक्त प्रयास की आवश्यकता है। अकेले राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास का बहुत अधिक लाभ नहीं है।
जंकर के इन शब्दों को आस्ट्रिया के संदर्भ में देखा जा रहा है जो ईयू के अन्य सदस्य देशों का इस वजह से निशाना बन रहा है क्योंकि उसने अपने देश में आने वाले आव्रजकों की संख्या की सीमा तय करने का फैसला किया है।